Blood Test For Child: बच्चे के साथ माता पिता के इमोशन जुड़े हुए होते हैं. बीमार बच्चा हो तो आंसू माता पिता के निकलते हैं. मेडिकल एग्जामिनेशन कराना मां पिता के लिए एक दुखद अनुभव होता है. उनसे बच्चे के आंसू देखे नहीं जाते हैं. बच्चे की उम्र 12 साल या कम है तो उसे संभालने की जरूरत है. माता-पिता के रूप में बच्चे को चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना मुश्किल हो सकता है. इस दौरान बच्चे को संभालना बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. आज हम ऐसे ही बिंदुओं पर गौर करने की कोशिश करेंगे, जब बच्चा मेडिकल एग्जामिनेशन और ब्लड टेस्ट के लिए असहज महसूस करता है. इस दौरान जिम्मेदारी होती है कि बच्चा जो एंग्जाइटी और तनाव महसूस करता है. उसे किस तरह सम्भाला जाए.


इन 5 तरह से बच्चों को समझाएं


बच्चे का ध्यान भटकाएं


जब ब्लड टेस्ट की प्रक्रिया चल रही हो तो उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें. इस दौरान बच्चे के साथ बात करें और खेलें. लेकिन आपको यह ध्यान रखना है कि बच्चे की उम्र को देखते हुए किन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं.


शांत और पॉजिटिव रहें


बच्चे अपने माता-पिता के इमोशन समझ सकते हैं. इसलिए ब्लड टेस्ट कक प्रक्रिया के दौरान शांत और पॉजिटिव रहना बहुत महत्वपूर्ण है. उसे इस तरह समझा सकते हैं कि ब्लड टेस्ट कराकर वो बहुत सराहनीय काम कर रहा है. उसे खाने के लिए कुछ डिश दे सकते हैं.


तैयारी कर जाए टेस्ट कराने


बच्चे को टेस्ट कराने से पहले उसे रिलेक्स कर लें.  देख लें कि बच्चा अच्छी तरह से आराम कर रहा है या नहीं, उसने पौष्टिक भोजन खाया है या नहीं? ब्लड टेस्टिंग के दौरान ऐसे कपड़े पहनाए जाए, जिससे ब्लड आराम से ले सकें. 


टेस्टिंग के दौरान साथ रहें


जब ब्लड टेस्टिंग चल रही हो तो उस दौरान बच्चे के साथ होना चाहिए. इस दौरान जाना-पहचाना चेहरा देखना बच्चों के लिए सुकून देने वाला हो सकता है, इसलिए यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो किसी भरोसेमंद या परिवार के सदस्य को बच्चे के साथ रखें. बच्चे का पसंदीदा खिलौना या सामान भी दे सकते हैं. 


बच्चे के स्वास्थ्य पर नजर रखें


मेडिकल टेस्ट होना ही काफी नहीं है. इस दौरान यह भी देखना जरूरी है कि बच्चे की सेहत में तो किसी तरह का बदलाव नहीं हो रहा है. इसका कोई निगेटिव इफेक्ट बच्चे की बॉडी पर नहीं पड़ रहा है.


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