लिफ्ट में घुसते ही कांपने लगती है आपकी भी रूह, मतलब सलमान वाली बीमारी से जूझ रहे आप
क्लॉस्ट्रोफोबिया ग्रीक शब्द से बना है, जिसका मतबल 'एक बंद जगह' है. यह एक तरह का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है, जो किसी को भी हो सकता है. एक स्टडी के अनुसार, दुनिया की 10% आबादी को गंभीर क्लॉस्ट्रोफोबिया है.
Claustrophobia : बॉलीवुड एक्टर और आपके चहेते सुपरस्टार सलमान खान (Salman Khan) को लिफ्ट से डर लगता है. जी हां लिफ्ट में घुसते ही दबंग स्टार को डर लगने लगता है, उनकी रूह कांपने लगती है. यह एक तरह की बीमारी है, जिसका नाम क्लॉस्टेरोफोबिया (Claustrophobia) है. इस बीमारी में सिर्फ लिफ्ट ही नहीं बाजार, भीड़ वाली गाड़ी में भी डर महसूस होता है. आइए जानते हैं आखिर यह किस तरह की बीमारी है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए...
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क्लॉस्टेरोफोबिया क्या है
क्लोस्ट्रोफोबिया यानी बंद जगहों का डर, यह एक बेहद नॉर्मल फोबिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग जूझ रहे हैं. इस बीमारी में बंद जगहों में रहने से डर लगता है. जैसे कि लिफ्ट, बस, या अन्य जगहें. इन जगहों से बाहर निकलने के बाद इंसान पहले जैसा सामान्य हो जाता है. इसके लक्षण हर इंसान में अलग-अलग हो सकते हैं.
क्लॉस्टेरोफोबिया के कारण
क्लॉस्टेरोफोबिया का कारण अभी तक पूरी तरह समझ नहीं आया है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकती हैं. जिनमें तीन सबसे प्रमुख है. जेनेटिक, दिमाग की बनावट और कोई दर्द या एक्सीडेंट
आनुवंशिक कारण- यदि आपकी फैमिली में किसी को क्लॉस्टेरोफोबिया है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है.
दिमाग की बनावट- ब्रेन की कुछ खास बनावट भी क्लॉस्टेरोफोबिया का कारण हो सकती है.
दर्दनाक अनुभव या एक्सीडेंट- किसी बंद जगह में हुआ कोई एक्सीडेंट या दर्दनाक अनुभव भी क्लॉस्टेरोफोबिया का कारण बन सकता है.
क्लॉस्टेरोफोबिया के लक्षण क्या हैं
1. बंद जगहों में डर लगना या चिंता होना
2. पसीना आना, दिल की धड़कन बढ़ जाना
3. सांस लेने में परेशानी
4. चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना
5. बंद जगह से निकलने की इच्छा करना
क्लॉस्टेरोफोबिया का इलाज क्या है
1. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
अगर कोई इंसान क्लॉस्टेरोफोबिया से जूझ रहा है तो उसके लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) कारगर हो सकती है. यह थेरेपी अपने डर का सामना करने और उसे दूर करने में मददगार साबित हो सकती है.
2. एक्सपोजर थेरेपी
क्लॉस्टेरोफोबिया के बचाने में एक्सपोजर थेरेपी भी अच्छी मानी जाती है. इसमें मरीज को धीरे-धीरे बंद जगहों में रहने की आदत डलवाने की कोशिश की जाती है, जिससे उसका डर धीरे-धीरे समाप्त होने लगता है.
3. दवाईयां और सेल्फ टेक्नीक
कुछ दवाएं भी क्लॉस्टेरोफोबिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं. इसके अलावा इंसान खुद भी अपने डर का सामना करने की टेक्नीक सीखकर इससे बच सकता है. जैसे- गहरी सांस लेना, दिमाग को रिलैक्स फील करवाना, म्यूजिक सुनने जैसी एक्टिविटीज से भी मदद मिल सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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