पूरी दुनिया में कोरोना कहर बरपा रहा है. चीन सहित कई देशों का हाल बेहाल है. चीन में कोरोना के नए वेरिएंट से मृत्युदर काफी ज्यादा बढ़ गया है. जिसकी वजह से साइंटिस्ट की चिंता बढ़ गई है. रिसर्चर के मुताबिक कोरोना  BF.7वेरिएंट के कारण चीन में तबाही का मंजर बना हुआ है. कहा जा रहा है BF.7 हल्के लक्षणों वाले वेरिएंट हैं लेकिन दिक्कत यह है कि चीन में जो वैक्सीन लोगों को दी गई है उसका असर लोगों के शरीर पर काफी कम हुआ है. जीरो कोविड पॉलिसी के कारण चीन में लोगों में इम्युनिटी नहीं बन पाई है. यही कारण है कि चीन में मरने वाले लोगों की संख्या इतनी अधिक है. 


रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में कोरोना के नए वेरिएंट  XBB.1.5 के कारण लोगों अधिक  संक्रमित हो रहे हैं. साथ ही इसकी वजह से गंभीर रोग के मामले देखे जा रहे हैं.वहीं इंडिया में इस नए वेरिएंट का पहला केस हाल ही में सामने आया है. साइंटिस्ट का मानना है कि अगर आपको कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ना है तो आपको बूस्टर डोज लेने में थोड़ी सी भी देरी नहीं करनी है. बल्कि जितनी जल्दी हो इसे ले लेने की अपील की है. 


कोविड-19 के नए वेरिएंट से बचने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत


यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया स्कूल ऑफ मेडिसिन में कोरोना को लेकर हो रहे रिसर्च में साइंटिस्टों का दावा है कि कोविड 19 में बूस्टर डोज लेने के कई फायदें हैं.साइंटिस्टों का कहना है कि कई देशों क वैक्सीन की बूस्टर डोज तेजी में लेने की जरूरत है. ऐसा करके अधिक से अधिक लोगों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है. यह जो बीमारी पूरी दुनिया में तहलका मचाए हुए है. उससे बचने के लिए जरूरी है कि हमें समय रहते ही बूस्टर डोज ले लेना चाहिए. 


कोरोना के संक्रमण से बचा सकती है वैक्सीन की बूस्टर डोज


सवाल यह उठता है कि क्या वैक्सीन की आखिरी डोज यानी बूस्टर डोज सच में असरदार है. इस बारे में जानने के लिए  फाइजर और मॉडर्ना के एमआरएनए वैक्सीन पर शोधकर्ताओं ने रिसर्च किया.  साइंटिफिक जर्नल एनल्स ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन की बूस्टर डोज लोगों में अधिक मजबूती और प्रभावी एंटीबॉडीज तैयार करती है. जिसकी वजह से संक्रमण से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. 


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