कोयंबटूर: दिमागी तौर पर मृत एक रिटायर्ड टीचर के अंगों को दान में देने की वजह से सात मरीजों को नयी जिंदगी मिल गई.
एन नचीमतु चार सितंबर को दुर्घटना में घायल हो गये थे. उन्हें सरकारी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद कोवई मेडिकल सेंटर एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
अस्पताल की ओर से जारी रिलीज़ में कहा गया है कि रिटायर्ड टीचर को मृत घोषित कर दिया गया जिसके बाद उनकी बेटी इंदु ने अपने पिता के अंगों को दान करने का निर्णय किया.
उनके लीवर और एक किडनी को केएमसीएच के मरीजों में ट्रांसप्लांट किया गया वहीं दूसरी किडनी का ट्रांसप्लांट रामकृष्ण अस्पताल के एक मरीज के शरीर में किया गया.
उनकी आंखों, त्वचा और हड्डियों को गंगा अस्पताल भेजा गया, जिससे सात जरूरतमंद लोगों को नया जीवन मिला.