दुनियाभर में ऐसी कई बीमारियां हैं जिनके बारे में सुन कर दिमाग सुन्न पड़ जाए. ऐसी ही एक घटना निकल कर आई है केरल के अलप्पुझा जिले से. यहां एक लड़के की मौत एक ऐसे कीड़े की वजह से हो गई जो दिमाग में घुस कर उसे खा जाता है. दरअसल, केरल के अलप्पुझा शहर में 15 साल का एक लड़का एक दिन एक झरने में नहाने गया. झरने से नहा के आने के बाद उसकी तबियत बिगड़ गई. पहले उसे गर्दन में दर्द शुरू हुआ फिर बुखार और इसके बाद दौरे पड़ने लगे. जब परिजन उसे डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे तो पता चला कि उसे प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस इंफेक्शन हुआ है. इसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.


शरीर में कैसे घुस जाता है ये कीड़ा?


सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर ये कीड़ा किसी इंसान के भीतर पहुंचता कैसे है. इसका जवाब देते हुए केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि ये कीड़ा एक प्रकार का अमीबा होता है जो रुके हुए दूषित पानी में पाया जाता है. उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की लोग गंदे पानी में नहाने से बचें, क्योंकि ये कीड़ा नहाते वक्त पहले आपकी नाक में घुसता है और फिर आपके दिमाग तक पहुंच जाता है. सबसे हैरानी की बात ये है कि ये कीड़ा बेहद शुक्ष्म होता है और जब ये आपकी नाक में घुसता है तो आपको पता भी नहीं चलता. यही वजह है कि रोगी को पता ही नहीं चलता शुरू में कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है.


क्या नाम है इस कीड़े का?


इस कीड़े को आम भाषा में लोग दिमाग खाने वाला अमीबा कहते हैं. हालांकि, विज्ञान की भाषा में इसे नेगलेरिया फाउलेरी कहा जाता है. अमेरिका के सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल के अनुसार,  ये अमीबा सिर्फ दूषित पानी में ही नहीं रहता बल्कि ये मिट्टी, गर्म और ताजे पानी और यहां तक कि गर्म पानी वाले झरनों में भी रहता है. इस कीड़े के बारे में बताएं तो ये पहली बार साल 1965 में ऑस्ट्रेलिया में मिला था.


इस बीमारी के लक्षण कैसे होते हैं?


इस बीमारी के लक्षण की बात करें तो जैसे ही ये कीड़ा आपके दिमाग में घुसता है और आपको संक्रमित करता है वैसे ही आपको सिरदर्द, उल्टी और बुखार जैसी चीजें होने लगती हैं. इस बीमारी के लक्षण कीड़े के शरीर में घुसने के एक से 12 दिन के भीतर ही दिखने शुरू हो जाते हैं.


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