Deep Brain Stimulation: कोरोना ने लोगों का जीवन बदलकर रख दिया है. उनके रहने सहने का ढंग, रेग्यूलर एक्टिविटीज में बड़ा बदलाव कोविड के चलते आया है. इस बीमार का बड़ा नुकसान यह भी रहा है कि वायरस ने लोगों को मानसिक तौर पर प्रभावित किया है. डिप्रेशन, एंग्जाइटी और अन्य मानसिक बीमारियों का लोग शिकार हो गए. अब कोविड से प्रभावित हुए लोगों में एक और मानसिक बीमारी देखने को मिल रही हैं. लोग इसका इलाज भी अनूठे तरीके से करा रहे हैं.
ब्रेन फॉग बीमारी आई सामने
ब्रेन की एक नई बीमारी होने की जानकारी मिल रही है. इसका नाम है कि ब्रेन फॉग. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों में फोकस करने में अधिक दिक्कत आ रही है. लोग की शॉर्ट टर्म मैमोरी हो गई है. ब्रेन फॉग को मेडिकल प्रॉब्लम के रूप में नहीं गिना जाता है. बल्कि यह बदले व्यवहार के कारण उपजी परेशानी है. इसमें लोग थकान, थकान, डिप्रेशन, एंग्जाइटी, सिर भारी होना, नींद न आना जैसे लक्षण महसूस करते हैं.
बचाव के लिए खुद को दे रहे बिजली के झटके
ब्रेन फॉग से निपटने के लिए लोग अलग ही तरीका अपना रहे हैं. अमेरिका के कैलिफोर्निया में लोग खुद को बिजली का झटका दे रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तकनीक को ब्रेन स्टिमुलेशन किया जाता है. कोविड के कारण दिमाग की सक्रियता कम हो गई है. ब्रेन के तंत्र ने भी कुछ काम किया है. ब्रेन को दोबारा एक्टिव करने यानि पूर्व जितना ही सक्रिय करने के लिए बिजली के झटके दिए जाते हैं. इसमें सिर के अलग अलग हिस्सों में इलेक्ट्रोड जोड़े जाते हैं. लोगों का कहना है कि उन्हें बिजली के झटकों से राहत मिली है. डॉक्टरों का कहना है कि स्पेशलिस्ट की देखरेख में ही इस तकनीका का प्रयोग किया जाना चाहिए. इसका निगेटिव असर भी ब्रेन पर पड़ सकता है.
रिसर्च भी की जा चुकी है
दिमागी परेशानी से जूझ रहे बुजुर्गां पर इस तकनीक का प्रयोग किया जा चुका है. पिछले साल अगस्त में 65 से 88 साल की उम्र के 150 लोगों एक अध्ययन में शामिल किया गया. सभी बुजुर्गां को न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर था. सभी को 20 मिनट के लिए प्रति सप्ताह में 4 दिन झटके दिए गए. परिणामों को लेकर नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में स्टडी भी पब्लिश की गई.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क को कैसे करें कम? इन 6 हेल्दी फूड्स को अपनी डाइट में करें शामिल