Brain Fog Problem : बदलती जीवनशैली और बढ़ते मेंटल स्ट्रेस की वजह से लोग आजकल ब्रेन फॉग (Brain Fog) जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं. ब्रेन फॉग अपने आप में कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है बल्कि अन्य मेडिकल कंडीशन का सिम्प्टम है. यह एक प्रकार का संज्ञानात्मक रोग है जिसमें याददाश्त कम होना, मानसिक स्पष्टता की कमी, फोकस करने में परेशानी, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता शामिल हैं. इस स्थिति में व्यक्ति हमेशा उलझा हुआ सा महसूस करता है और कोई भी फैसला नहीं ले पाता. आइए इस बीमारी से जुड़े हर बिंदू को समझते हैं.
ब्रेन फॉग के कारण
क्रोनिक स्ट्रेस ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है, इम्यूनिटी को कमजोर कर सकता है और डिप्रेशन को ट्रिगर कर सकता है. इससे मानसिक थकान भी हो सकती है. ब्रेन फॉग होने पर दिमाग को सोचने, समझने, अपनी बात रखने और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल आती है.
नींद की कमी आपके ब्रेन के काम करने में बाधा डाल सकती है. हर दिन 8 से 9 घंटे सोना जरूरी होता है. बहुत कम सोने से फोकस कम होने और ब्रेन फॉग की स्थिति हो सकती है.
लक्षण
- नींद न आना, अनिद्रा
- सिर दर्द
- लो एनर्जी या थकान
- बिगड़ा हुआ संज्ञानात्मक कार्य
- मूड स्विंग
- इरिटेशन
- भूलने की आदत
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- विचारों की कमी
- उदासी महसूस करना या अकेलापन महसूस करना.
इलाज और बचाव
- ब्रेन फॉग का इलाज कारण पर निर्भर करता है. लाइफस्टाइल में बदलाव से भी इस स्थिति में मदद मिल सकती है.
- कंप्यूटर और मोबाइल फोन पर कम समय बिताएं.
- सकारात्मक सोच रखें, तनाव कम करें.
- अपना आहार बदलें.
- पर्याप्त नींद लें - दिन में 7-8 घंटे सोना जरूरी है. रात में जल्दी बिस्तर पर जाएं और सोने की कोशिश करें.
- नियमित व्यायाम करें.
- शराब, धूम्रपान करने और अधिक कॉफी पीने से बचें.
- ऐसी चीजों में खुद को व्यस्त करें जो करने में आपको मजा आता है.