न्यूयॉर्क:  प्रेग्‍नेंसी के दौरान ब्रेन प्रोटीन के लेवल में कमी की वजह से महिलाओं में डिप्रेशन और बच्चे के जन्म के समय कम वजन जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. एक शोध में यह बात सामने आई है.

ऐसा क्‍यों होता है-

शोध से पता चलता है कि ब्रेन से पैदा होने वाला न्यूरोट्रोफिट कारक (बीडीएनएफ) यह सामान्य तौर पर मूड के निर्धारण के लिए जाना जाता है. यह प्लेसेंटा (नाल) और बच्चे के ब्रेन के डवलपमेंट के लिए भी जरूरी होता है. यह प्रेग्‍नेंसी के दौरान लगातार बदलता रहता है. प्रोटीन के लेवल में एक कमी डिप्रेशन के पीछे की वजह है. यह प्रेग्‍नेंसी के दौरान एक आम बात है.

क्‍या कहते हैं शोधकर्ता-

ओहियो स्‍टेट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर लिसा एम. क्रिश्चियन ने कहा कि हमारे शोध से पता चलता है कि बीडीएनएफ लेवल में प्रेग्‍नेंसी के दौरान ज्यादा बदलाव महिलाओं में डिप्रेशन के सिम्‍टम्‍स दिखाता है. साथ ही इससे कमजोर फीटल ग्रोथ का भी पता चलता है.

कैसे की गई रिसर्च-

शोधकर्ताओं ने इस स्‍टडी के लिए 139 महिलाओं के प्रेग्‍नेंसी के दौरान और प्रेग्‍नेंसी के बाद के ब्‍लड के सैंपल लिए गए. इसमें बीडीएनएफ के स्तर को देखा गया.

रिसर्च के नतीजे-

नतीजों में सामने आया कि बीडीएनएफ के लेवल के कम होने के कारण दूसरे और तीसरे तिमाही में ज्यादा डिप्रेशन के सिम्‍टम्‍स की प्रीडिक्शन की गई. कुछ एंटी डिप्रेशन मेडिसिन का इफेक्‍ट्स बीडीएनएफ लेवल के बढ़ाने में देखा गया है.

किश्चियन ने कहा कि यह कुछ प्रेग्‍नेंट महिलाओं के लिए सही हो सकता है, लेकिन इसमें जोखिम की संभावनाएं हैं और दूसरे इफेक्‍ट हो सकते हैं.

शोधकर्ताओं का कहना है कि बीडीएनएफ स्तर को बढ़ाने में एक्‍सरसाइज इफेक्टिव तरीका है.

किश्चियन ने कहा कि चिकित्सक की सहमति से प्रेग्‍नेंसी के दौरान शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर बीडीएनएफ स्तर को बनाए रखा जा सकता है. यह एक महिला के मूड के लिए और बच्चे के विकास के लिए लाभकारी है.

शोध का प्रकाशन पत्रिका 'साइको न्यूरो इंडोक्राइनोलॉजी' में किया गया है.