ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण दिखते हैं बेहद मामूली इसे न करें इग्नोर, ऐसे करें बचाव
Brain Tumor: ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) के शुरुआती लक्षण को अक्सर लोग इग्नोर कर देते हैं. जानें इसके बचाव, इलाज और होने वाले टेस्ट.
Brain Tumor Symptoms: आज के समय में ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर समस्या बन गई है. सबसे डराने वाली बात यह है कि ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण का जिक्र करते हुए डॉक्टर कहते हैं कि इस बीमारी को हल्के में बिल्कुल न ले. इसकी शुरुआत आपके सिर में हल्के दर्द से ही होता है लेकिन जैसे- जैसे समय बीतता है यह दर्द बढ़ने लगता है. एक समय के बाद सिर में यह दर्द इतना तेज हो जाता है कि आप इसे बर्दाश्त भी नहीं कर पाते हैं. ऐसे में सबसे जरूरी बात जो अक्सर ध्यान में रखनी है . वह यह कि अगर लगातार सिर में दर्द रहता है तो वह हल्का हो या तेज आपको बिना देर किए डॉक्टर से तुरंत कॉन्टैक्ट करना चाहिए.
आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्रेन ट्यूमर का अभी तक कोई इलाज नहीं है. इस बीमारी के तीन स्टेज होते हैं. अगर समय रहते ही इस बीमारी का पता चल गया तो आपकी जान बच सकती है. लेकिन आपने इसके लक्षण को बिल्कुल इग्नोर कर दिया तो फिर आप भगवान के भरोसे ही है.
ब्रेन ट्यूमर से संबंधित पूरी जानकारी
इस आर्टिकल में जानेंगे ब्रेन ट्यूमर क्या है? इसके क्या कारण हो सकते हैं? इसके लक्षण, टाइप्स, कैसे बचाव किया जाए. ब्रेन ट्यूमर होने के बाद कौन- कौन से टेस्ट जरूरी होते हैं.
ब्रेन ट्यूमर क्या है?
ब्रेन ट्यूमर में ब्रेन की टिश्यूज असाधारण रूप से बढ़ने लगते हैं. जैसा कि आपको पता है ब्रेन बेहद हार्ड खोपड़ी के अंदर बंद होता है. इसलिए खोपड़ी के अंदर टिश्यूज का बढ़ना बहुत प्रॉब्लम कर सकती है.
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
ब्रेन ट्यूमर के अलग- अलग प्रकार होते हैं. कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर मुक्त होते हैं. कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर होते हैं. ब्रेन ट्यूमर अगर आपके ब्रेन से शुरू होता है तो उसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. यदि शरीर के दूसरे अंग से शुरू होकर ब्रेन तक पहुंचता है तो उसे सेकेंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहते हैं.
ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण
- पहले सिर में लगातार हल्का दर्द रहना
- समय के साथ सिर के दर्द का अधिक बढ़ना
- चक्कर आना, उल्टी आना
- आखों की रोशनी कम होना. या धुंधला दिखाई देना, हर चीज डबल दिखना
- हमेशा हाथ- पैर में सनसनी होना
- कोई भी चीज याद करने में समस्या होना
- बोलने या समझने में परेशानी
- सुनने, स्वाद या स्मेल में दिक्कत होना
- मूड स्विंग होना
- लिखने या पढ़ने में प्रॉब्लम
- चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी
ब्रेन ट्यूमर से संबंधित टेस्ट
- सीटी स्कैन- सीटी स्कैन की मदद से ब्रेन के अंदर के सभी पार्ट की फोटोज ली जाती है.
- एमआरआई स्कैन- ब्रेन ट्यूमर का सही इलाज के लिए सबसे पहले इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं. इसमें रेडियो सिग्नल की मदद से ब्रेन की संरचना से संबंधित सभी जानकारी ली जाती है. जो सीटी स्कैन में नहीं मिल पाती है.
- एंजियोग्राफी- इस टेस्ट में डाई का उपयोग इंजेक्शन के तौर पर किया जाता है. डाई आपके ब्रेन की टिश्यूज में डाला जाता है. इसके जरिए डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि ट्यूमर तक ब्लड कैसे पहुंच रही है. ब्रेन की सर्जरी के वक्त यह जानकारी बेहद जरूरी होती है.
- एक्स रे- ब्रेन ट्यूमर खोपड़ी की हड्डियों में फैक्चर के कारण भी हो सकता है. एक्स रे करके खोपड़ी की हड्डियों के फैक्चर का पता लगाया जाता है.
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
- Surgery- ब्रेन ट्यूमर का इलाज सर्जरी के जरिए ही मुमकिन है. सर्जरी तब ही हो सकती है जब ट्यूमर का आकार छोटा हो. और कैंसर ज्यादा दूर तक फैला नहीं हो.
- Radiation therapy – ट्यूमर के टिश्यूज को मारने के लिए एक्स-रे या प्रोटॉन जैसे रेडिएशन का यूज किया जाता है. इस रेडिएशन थेरेपी कहते हैं.
- Chemotherapy – कीमोथेरेपी में ट्यूमर के टिश्यूज को खत्म करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है.
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