आज हम आपको अपने आर्टिकल के जरिए एक ऐसी न्यूज देने जा रहे हैं. जिसे सुनने के बाद आपको एक पल के लिए हैरानी तो जरूर होगी. जरा सोचिए एक 15 ml की बोतल जिसकी साइज एक आई ड्रॉप के बोतल या शैंम्पू के पाउच के साइज की है. उसमें आपको मां का दूध मिलें. यह बात थोड़ी हैरान कर देने वाली जरूर है लेकिन यह सच है. दरअसल, बच्चों का दूध बनाने वाली दो प्राइवेट कंपनी ने यह दावा किया है कि वह शुद्ध मां का दूध बेच रहे हैं. यह दूध की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे आपको फ्रिज में भी रखने की जरूरत नहीं क्योंकि यह खराब भी नहीं होता है.


फॉर्मूला मिल्क नहीं बल्कि शूद्ध मां का दूध


जिन मां को खुद का दूध नहीं होता है और इस दूध को अपने न्यू बॉर्न बेबी को दे सकती हैं. इससे उनका हेल्थ बिल्कुल भी खराब नहीं होगा. मार्केट में कई तरह के फॉर्मूला मिल्क मिल रहे हैं लेकिन इस तरह मां का दूध का दावा करने वाली कंपनी इंडिया में सिर्फ 2 हैं. बच्चों का दूध बनाने वाली दो कंपनी का दावा है कि उनकी कंपनी सच में न्यू बॉर्न बेबी या छोटे बच्चों के लिए शुद्ध मां का दूध बेच रही है. इसके नाम पर कोई फॉर्मूला मिल्क नहीं बना रही हैं. कंपनी का कहना है कि इस दूध का ब्रिकी काफी बढ़ा है. वहीं दूसरी तरफ इस दूध को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. इन दूध बनाने वाली कंपनी खुद की सच्चाई साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ रही है. क्योंकि इन कंपनियों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. 


मां के दूध को लेकर कंपनी का दावा


इस क्षेत्र में दो प्राइवेट कंपनी पेटेंट तकनीक के साथ मां के दूध का बिक्री का कर रही हैं .इन दोनों कंपनी को केंद्र सरकार के द्वारा किसी भी तरह का परमिशन नहीं मिला है. बेंगलुरु स्थित नियोलैक्टा लाइफसाइंसेस प्राइवेट लिमिटेड ने 2016 में मां का दूध बेंचने का काम शुरू किया था. इस कंपनी का दावा है कि वह ऐसे दूध का उत्पादन कर रही हैं जो पूरी तरह से प्योर है और यह एक दम वही दूध है जो मां अपने बच्चों का ब्रेस्टफिडिंग कराती हैं. इस कंपनी ने यह भी दावा किया था कि यह कंपनी स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध को इकट्ठा करती है फिर बेचती है. यह कंपनी उन्ही माताओं के दूध लेती हैं जो अपनी इच्छा से इसे दान करती हैं.  इसके बाद वह मां से लिए गए दूध को पाश्चराइज करके शिशुओं के माता-पिता को ऊंची कीमत पर बेचता है. कंपनी पाउडर के रूप में ह्यूमन मिल्क फोर्टिफायर भी पेश कर रही है. यह पहली ऐसी कंपनी है जिसका दावा है कि वह प्योर मां का दूध बेच रही हैं.


नेस्लाक बायोसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड


मोहाली स्थित नेस्लाक बायोसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, 2021 में लॉन्च किया गया था, जो माताओं के दूध को वापस उन्हें अत्यधिक कीमत पर बेचने से पहले पाउडर के रूप में परिवर्तित करता है. इसका दावा है कि इसके पास दूध की गुणवत्ता का परीक्षण करने की तकनीक है और यह हॉस्पिटल के मिल्क बैंक को दूध सप्लाई करता है. दोनों कंपनियों का दावा है कि इनके द्वारा बनाए गए दूध पोषण से भरपूर हैं. साथ ही ये मां के दूध की कमी को पूरा करती हैं. लेकिन यह कंपनी दूसरी बिजनेस मॉडल, शिक्षाविदों, सोशल वर्कर कार्यकर्ताओं और हाल ही में केंद्र सरकार के निशाने पर आ गया है.


इन कंपनियों के खिलाफ सोशल वर्कर


सोशल वर्कर ने चिंता जताई है यह कंपनी गरीबों का शोषण कर रही है. सोशल वर्कर ने सवाल उठाया है कि ग्रामीण महिलाओं को स्तनपान कराने और संपन्न शहरी परिवारों को अपना दूध बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. सोशल वर्कर का कहना है कि यह कंपनी जो दावा कर रही है हम मां का दूध बेच रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है मां के दूध के नाम पर वह फॉर्मूला मिल्क ही बेंच रही है. 


मां का दूध बेचने को लेकर कानूनी लड़ाई में फंसी कंपनी


सरकारी विभागों के भीतर, हालांकि, इस बात पर कोई सहमति नहीं है कि मानव दूध को कैसे वर्गीकृत किया जाए और किसे इसे विनियमित करना चाहिए. भ्रम के बावजूद, NeoLacta और Neslak दोनों भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से लाइसेंस मिल गई है. जिसे इसी साल अप्रैल और सितंबर में रद्द कर दिया गया था. NeoLacta ने अपने उत्पादों को "आयुर्वेदिक दवाओं" के रूप में बेचने के लिए कर्नाटक के आयुष विभाग से भी लाइसेंस प्राप्त किया था. जिसे बाद में टाइम्स ऑफ इंडिया में एक रिपोर्ट के बाद आयुष मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद सितंबर में रद्द कर दिया गया था.


दिप्रिंट से बात करते हुए, नियोलैक्टा का कहना है कि यह विश्व स्तर पर अनुकूलित उच्चतम नैतिक मानकों का पालन करके अपना व्यवसाय वैध रूप से चला रहा है. दिप्रिंट द्वारा नेस्लाक तक पहुंचने के सभी प्रयास विफल रहे. इस बीच, मानव दूध के संग्रह, प्रसंस्करण और बिक्री के विवादास्पद मुद्दे पर एक लंबी लड़ाई चल रही है. सितंबर में, NeoLacta ने अपने आयुष लाइसेंस को रद्द करने के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया.


नागरिक समाज समूह जो मानव दूध के व्यावसायीकरण के खिलाफ हैं, वे भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की योजना बना रहे हैं और FSSAI अब NeoLacta के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है. NeoLacta ने अभी के लिए स्टे ऑर्डर प्राप्त कर लिया है और इसकी दूध की बोतलें और पाउच बाजार में वापस आ गए हैं. Neslak की वेबसाइट चल रही है और कंपनी की स्थिति कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ सक्रिय है.


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