Breastfeeding Tips: ये तो हम सभी जानते हैं कि नवजात बच्चों के लिए मां का दूध कितना जरूरी होता है, इसलिए तो एक्सपर्ट्स भी 6 महीने तक बच्चों को केवल मां का दूध देने की सलाह देते हैं. लेकिन न्यू मॉम को हमेशा कन्फ्यूजन रहता है कि बच्चों को कब दूध पिलाया जाए, कितना दूध पिलाया जाए और इतनी बार दूध पिलाया जाए?

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ऐसे में जब भी बच्चा रोता है वो उन्हें ब्रेस्टफीडिंग करवाने लगती हैं. लेकिन इससे कई बार बच्चों और मां को भी समस्या होने लगती है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह से आप अपने बच्चों के दूध पीने की सही मात्रा का पता लगा सकते हैं.


ब्रेस्टफीडिंग के दौरान रखें इन चीजों का ध्यान 
- सबसे ज्यादा जरूरी बात तो यह है कि हमेशा जब बच्चा रोता है इसका मतलब यह नहीं कि बच्चा भूख के कारण ही रो रहा है, इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं. ऐसे में हर बार बच्चे के रोने पर उसे दूध नहीं पिलाएं, बल्कि शुरुआत में हर डेढ़ से 2 घंटे में बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करवाएं. 


- एक्सपर्ट्स कहते हैं कि छोटे बच्चों का वजन हर हफ्ते 100 से 140 ग्राम तक बढ़ता है, अगर आपके बच्चे के साथ ऐसा नहीं हो रहा तो इसके पीछे दूध की कमी हो सकती है. ऐसे में आप अपने बच्चों को दूध की मात्रा बढ़ा कर दें या ज्यादा बार, ज्यादा समय तक ब्रेस्टफीड करवाएं. 


- जब बच्चा अच्छी तरह से दूध पीता है, तो वह खुश और खेलता हुआ नजर आता है, लेकिन अगर आपका बच्चा चिड़चिड़ा महसूस करता है और बार-बार रोता है तो समझ जाए कि उसकी भूख पूरी नहीं हो रही है. 


- बच्चों को सही मात्रा में दूध मिल रहा है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए आप उसके पेशाब पर भी नजर रखें. बच्चा 24 घंटे में अगर सात से आठ बार पेशाब करता है, तो समझ जाए कि उसका पेट भर रहा है लेकिन अगर इससे कम बार पेशाब करता है, तो उसका पेट ढंग से नहीं भर पा रहा है. 


मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाने के उपाय
दादी-नानी कहती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग महिलाएं अगर कुछ हेल्दी चीजों का सेवन करती हैं, तो इससे उनका मिल्क प्रोडक्शन बढ़ता है. ऐसे में न्यू मॉम को अपनी डाइट में शतावरी, गोंद, बादाम, अजवाइन, मेथी दाना, तिल के बीज जैसी चीजों को खाना चाहिए. यह ब्रेस्टफीडिंग करने वाली मदर का मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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