ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान, न केवल बच्चे के लिए, बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर मां अपने बच्चे को स्तनपान नहीं कराती, तो क्या इससे उनके ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है? हाल ही में कई रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि स्तनपान कराने से मांओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है. 


रिसर्च क्या कहती है?
विभिन्न शोधों में पाया गया है कि स्तनपान कराने वाली मांओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है. यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना की एक स्टडी में बताया गया है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं. 


ब्रेस्टफीडिंग और हार्मोनल प्रभाव
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान शरीर में कुछ विशेष हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जैसे ऑक्सीटोसिन, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करते हैं. इसके अलावा, स्तनपान कराने से महिलाओं के मासिक चक्र में बदलाव आता है, जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होता है. यह हार्मोन ब्रेस्ट कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 


जानें फायदे



  • स्तन कोशिकाओं की सफाई: ब्रेस्टफीडिंग से ब्रेस्ट की कोशिकाएं नियमित रूप से साफ होती रहती हैं, जिससे कैंसर के विकास का खतरा कम होता है.

  • वजन नियंत्रण: स्तनपान कराने से मां का वजन नियंत्रित रहता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है.

  • हेल्दी लाइफस्टाइल : स्तनपान कराने वाली मांएं अक्सर हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाती हैं, जो कैंसर के खतरे को और भी कम करता है. 

  • ब्रेस्टफीडिंग से ओवेरियन कैंसर का खतरा कम होता है.

  • ब्रेस्टफीडिंग से मांओ की मेंटल हेल्थ भी बेहतर रहता है. 


ब्रेस्टफीडिंग न कराने से खतरे
जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करातीं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. इससे हार्मोनल असंतुलन होता है और स्तन कोशिकाओं की नियमित सफाई नहीं हो पाती, जिससे कैंसर कोशिकाओं के विकास का खतरा बढ़ जाता है. 


ब्रेस्टफीडिंग वीक 
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक हर साल 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है. इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य ब्रेस्टफीडिंग के महत्व को उजागर करना और मांओं को इसके फायदों के बारे में जागरूक करना है. वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक की शुरुआत 1992 में वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) ने की थी. WABA एक वैश्विक नेटवर्क है जो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) के साथ मिलकर काम करता है. इसका मुख्य उद्देश्य ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ावा देना और उसे सुरक्षित और सफल बनाने के लिए मांओं को समर्थन देना है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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