Heart Broken Syndrome: सप्ताह भर में वेलंटाइन वीक गुजर गया. इस दौरान खूब प्यार, मोहब्बत वाली बातें हुईं. यूथ का इश्क परवान चढ़ा और अलग ही दुनिया बसाने के खूब सपने देखे, कसमें वादे भी किए गए. प्यार का इजहार और उसका कुबूलनामा दुनिया की सबसे बड़ी खुशियों में से एक होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जगह जहां दो दिल जुड़े हैं. वहीं, कहीं न कहीं दो दिल अलग होकर बिछड़ भी रहे होते हैं. इस कंडीशन का सीधा असर दिल पर होता है. मेडिकली भाषा में इसे गंभीर माना जाता है. इस कंडीशन को हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम माना जाता है. हालांकि इस कंडीशन में पहुंचने यानि दिल टूटने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. 


जानते हैं कि हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम है क्या?


बात यहां हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम की हो रही है तो इसे पहले मेडिकली भाषा में समझना भी जरूरी है. डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम नाम से ऐस लगता है कि जैसे कोई कपल बिछुड़ गए हैं और उनका हार्ट ब्रोकन हो गया है. आमतौर पर हार्ट ब्रोकन शब्द का प्रयोग इसी कंडीशन में किया जाता है. डॉक्टरों ने बताया कि कोई व्यक्ति दूसरे से अप्रत्याशित रूप से बिछड़ जाए और अचानक उसे इसकी जानकारी होने का सदमा लगे तो यह स्थिति हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम की होती है. 


अन्य वजह से भी होती है परेशानी


डॉक्टरों का कहना है कि केवल लवर के बिछड़ने से ही इस तरह का सिंड्रोम नहीं दिखता है. परिवार में किसी खास की अचानक मौत हो जाना, गंभीर बीमारी होना, ऑपरेशन से डरना, सड़क दुर्घटना, कोई बुरी खबर मिलना, आर्थिक रूप से बहुत अधिक नुकसान होने जैसी स्थिति में हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम की स्थिति बन जाती है. इस दौरान संभलने की जरूरत है. 


क्यों होता है हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम


विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई बुरी खबर मिली है तो इसका सीधा असर दिल और दिमाग पर मिलता है. ब्रेन उस कंडीशन से निकलने की कोशिश करता है. वहीं इसका असर दिल पर देखने को मिलता है. स्ट्रेस अधिक होने के कारण हार्ट में लेफ्ट वेंटिकल के एक भाग की मांसपेशियां अस्थायी रूप से शिथिल हो जाती हैं. उनमें ब्लड पंपिंग का प्रवाह कम हो जाता है. ब्लड वेसेल्स सिकुड़ने से पूरी बॉडी में पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पाता है. इससे बॉडी के साथ हार्ट को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. सीने में तेज दर्द होता है. यह स्थिति हार्ट अटैक जैसी होती है. 


इन लक्षणों को जरूर पहचाने


डॉक्टरों का कहना है कि इस कंडीशन में सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना, पसीना अधिक आना, ब्लड प्रेशर लो होना, उल्टी आना, धड़कन का अनियमित होना, पीठ के कुछ हिस्से में अजीब सी बैचेनी होना शामिल होता है. ऐसी कंडीशन दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. वहीं, ये सिंड्रोम पुरुषों से अधिक महिलाओं को परेशान करता है. ऐसे व्यक्ति जिनमें हेड इंजरी, मिर्गी की बीमारी है तो उन्हें रिस्क अधिक होता है. 
 


ये जांच जरूर करा लें


डॉक्टरों ने बताया कि हार्ट अटैक में ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज देखने को मिलता है. लेकिन हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम में तनाव का दबाव होने से हार्ट वेसेल्स सिकुड़ती हैं, इसलिए इसमें किसी तरह का ब्लॉकेज नहीं पाया जाता है. इसकी जांच के लिए ईसीजी की जा सकती है. ब्लड टेस्ट में कार्डिएक मार्कर्स बीबी जांच कराई जा सकती है. इकोकार्डियोग्राफी, छाती का एक्स रे, कोरोनरी एंजियोग्राफी से हार्ट की स्थिति देखी जा सकती है. उसी के आधार पर डॉक्टर इलाज करता है. 


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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