Brugada Syndrome Symptoms: वर्ष 2022 में कई अभिनेताओं की हार्ट अटैक से मौत हो गई. नियमित रूप से सेहत का ख्याल रखने वाले अभिनेताओं को हार्ट अटैक आने से डॉक्टर भी हैरान रह गए. लेकिन हार्ट अटैक आने के पीछे कई वजह हो सकती हैं. डॉक्टर एसएम अग्रवाल ने बताया कि नियमित तौर पर एक्सरसाइज कर रहे हैं. इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि इससे हार्ट एक दम से सही काम कर रहा है. हार्ट पर तनाव, ब्लड वेसेल्स मंे फैट बढ़ना, वेसेल्स का सिकुड़ना जैसा दबाव हो सकता है. इस दबाव को झेलने के दौरान हार्ट कई तरह के लक्षण देता है. बस इन्हीं लक्षणों को पहचानने की जरूरत है. इसके अलावा ब्रुगाडा सिंड्रोम भी हार्ट को बीमार बना सकता है. इसी सिंड्रोम के बारे में जानने की कोेशिश करते हैं, जिसे डॉक्टर दिल की सेहत के लिहाज से अच्छा नहीं मानते हैं. 


क्या है ब्रुगाडा सिंड्रोम? 


डॉक्टरों का कहना है कि ब्रुगाडा सिंड्रोम एक हार्ट की एक रेयर कंडीशन है. इसमें व्यक्ति बेहोश हो सकता है. कार्डिएक अरेस्ट तक आ सकता है. दरअसल, इस स्थिति में हार्ट में वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन नामक एक खतरनाक रिदम बन जाता है. इससे हार्ट से ब्रेन को होने वाली ब्लड सप्लाई बाधित होने लगती है. इस स्थिति में अचानक बेहोशी के साथ कार्डिएक डेथ होने का खतरा रहता है.


कार्डिएक अरेस्ट में 4 में से एक मौत को यही जिम्मेदार


इस सिंड्रोम में अचानक बेहोशी छा जाती है. लोग जहां जिस स्थिति में होते हैं. वहीं गिर जाते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि ब्रुगाडा सिंड्रोम की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कार्डिएक अरेस्ट से होने वाली 4 में से एक मौत के लिए यही सिंड्रोम जिम्मेदार है. 


70 प्रतिशत में नहीं दिखते लक्षण


ब्रुगाडा सिंड्रोम की जानकारी आसानी से नहीं हो पाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में इस सिंड्रोम के कोई लक्षण ही नहीं दिखाई देते हैं. कुछ केसेज में इसके लक्षण 30 या 40 साल की उम्र में दिखने शुरू होते हैं. जापान और दक्षिण पूर्व एशिया में इस सिंड्रोम के मामले अधिक देखने को मिलते हैं. 


क्या होते हैं लक्षण


यदि इस सिंड्रोम के लक्षणों की बात करें तो बेहोशी, चक्कर आना, सांस लेने में कठिनाई, दौरे, दिल की धड़कन का बढ़ना और आखिर में कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. ऐसा भी देखा गया है कि ब्रुगाडा सिंड्रोम वाले कुछ शिशुओं की मौत नींद में हो जाती हैं. माता-पिता लक्षणों पर गौर नहीं कर पाते हैं और जब देखते हैं, तबतक काफी देर हो चुकी होती है. 


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