हार्ट अटैक की स्थिति में CAB फॉर्मूला से बचाई जा सकती है जान...एक्सपर्ट दे रहे हैं इसकी पूरी जानकारी
सीएबी मरीज के हार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ाने के लिए मदद की जाती है. हार्ट अटैक आने की स्थिति में मरिज के मस्तिष्क तक ब्लड पंप करने के लिए छाती के बीच में 1 मिनट के अंदर 100 से 120 बार दबाव डालना होता है.
CAB For Heart Attack: हार्ट अटैक इस दौर में बड़ी समस्या बन गई है. इसके पीछे का कारण है खराब खानपान और खराब लाइफ़स्टाइल. क्योंकि पहले हार्ट अटैक जैसी बीमारी बड़े बुजुर्गों में हुआ करती थी लेकिन आज नौजवान भी इससे दो-चार हो रहे हैं. हर रोज अचानक से हार्ट अटैक से मौत की खबर आती है. कोई जिम में एक्सरसाइज करते समय अटैक का शिकार हो जाता है तो कोई घर में चलते फिरते हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है. लेकिन अगर तुरंत ही मरीज को इलाज मिल जाए तो इससे जान बचाई जा सकती है.डॉक्टर के मुताबिक ऐसे मरीज को CAB दे दिया जाए तो जान बचाई जा सकती है.जानते हैं क्या है CAB फॉर्मूला...
क्या है CAB फॉर्मूला ?
सी यानी के चेस्ट को कंप्रेस करना
ए मतलब वायु मार्ग को खोलने की कोशिश करना.
बी मतलब ब्रीद यानी सांस लेने में सहायता करना.
हार्ट अटैक एक मेडिकल इमर्जेंसी है. रिपोर्ट की माने तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण 50 फ़ीसदी मरीज हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही जान गंवा देते हैं. क्योंकि मरीजों को हार्टअटैक आने के बाद फर्स्ट एड नहीं मिल पाता है. कई बार मरीज को ऐसी जगह पर हार्ट अटैक स्ट्रोक आ जाता है जहां पर ना तो कोई डॉक्टर मौजूद होता है और ना ही आसपास में अस्पताल मौजूद होता है. ऐसी स्थिति में सीएबी फॉर्मूले से मरीज की जान बचाई जा सकती है. इस फार्मूले के बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए. सीएबी फार्मूला मरीज के हार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ाने के लिए मदद की जाती है. मरीज को स्ट्रोक या हार्ट अटैक आने की स्थिति में उसके मस्तिष्क तक ब्लड पंप करने के लिए छाती के बीच में 1 मिनट के अंदर 100 से 120 बार दबाव डालना होता है.कंप्रेशन देने के लिए दोनों हाथ मरीज के चेस्ट पर रखें अपने पूरी बॉडी वेट के साथ जस्ट पर प्रेशर दें. जो लोग इस में माहिर नहीं है वह तब तक कंप्रेशन दें. जब तक कि मरीज को मदद नहीं मिल जाती.ब्रीदिंग में पीड़ित की नाक बंद कर मूंह से सांस दें. यह फार्मूला सीपीआर जैसा ही है.
भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों का आंकड़ा
भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 50 साल से कम है. वहीं 10 साल में भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतें करीब 75 फ़ीसदी तक बढ़ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में होने वाली हर 100 में से 28 मौत का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां ही है.बता दें कि जब हार्ट तक सही मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है, तो हार्ट के टिशूज पर गहरा असर पड़ता है. इस वजह से मरीज को हार्टअटैक की समस्या होती है. हार्ट अटैक आने से पहले मरीज को कई तरह की परेशानियां होती है. जैसे सीने में बहुत ज्यादा दर्द, सांस लेने में तकलीफ और घबराहट, पसीने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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