Calcium Deficiency Symptoms And Diseases: कैल्शियम की कमी होने से हमारी हड्डियों और दांतों के कमजोर होने के अलावा अगर शरीर में कई तरह की बीमारियां होने का भी खतरा रहता है. कैल्शियम की कमी हो जाए तो कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं. खासतौर से महिलाओं में कैल्शियम की कमी ज्यादा होती है. बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाएं और 40 के पार वाली महिलाओं में अक्सर कैल्शियम की कमी होने लगती है. वहीं उम्र बढ़ने के साथ भी शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है. शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन डी की भी जरूरत पड़ती है. विटामिन डी कैल्शियम को शरीर तक पहुंचाने का काम करता है. ऐसे में आज हम आपको कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में बता रहे हैं. साथ ही कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर कौन से खाद्य पदार्थ हैं जिससे आपकी हड्डियां मजबूत बनेंगी.
कैल्शियम की कमी से बीमारियां
ऑस्टियोपोरोसिस- कैल्शियम की कमी होने पर शरीर में ये हड्डियों से जुड़ी बीमारी हो जाती है. जिन लोगों के शरीर में लंबे समय तक कैल्शियम की कमी रहती है उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा रहता है. इसमें हड्डियां बहुत पतली और कमजोर हो जाती हैं और एक दूसरे से जुड़ी हुई नहीं रह पाती हैं. जिससे हड्डियों के टूटने का खतरा रहता है.
कोलन कैंसर का खतरा- अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की पूर्ति ना हो तो कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. कई रिसर्च में ये सामने आ चुका है, जिन लोगों के शरीर में कैल्शियम भरपूर होता है उनमें एडिनोमा नाम के ट्यूमर का खतरा कम हो जाता है. जो कोलन से संबंधित है. कोलन ट्यूमर कैल्शियम की कमी से भी हो सकता है.
मेनोपॉज के जोखिम को बढ़ाता है- मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है. ऐसे में शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की जरूरत पड़ती है. इसलिए 40 के बाद महिलाओं को अपने खाने-पीने में कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को ज्यादा शामिल करना चाहिए. नहीं तो हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.
हृदय रोग- कैल्शियम की कमी से हार्ट संबंधी रोगों के जोखिम का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. शरीर में पर्याप्त कैल्शियम होने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कंट्रोल रहता है. इससे हृदय की बीमारियों का खतरा कई गुना तक कम हो जाता है.
ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है- कई बार कैल्शियम की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या भी हो जाती है. हाइपरटेंशन का असर आपके हार्ट पर भी होता है. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि कैल्शियम ब्लड प्रेशर को कम करने का भी काम करता है. कैल्शियम की कमी से आप हाइपरटेंशन की चपेट में आ सकते हैं.
हड्डियों को बनाएं मजबूत (Food for Bones Health)
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए शरीर को कैल्शियम और विटामिन डी दोनों की जरूरत होती है. आज हम आपको कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ बता रहे हैं.
1- ड्राई फ्रूट्स- हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आप डाइट में बादाम, अखरोट, काजू जैसे ड्राई फ्रूट्स जरूर शामिल करें. मेवा में कैल्शियम और पोटैशियम काफी मात्रा में पाया जाता है. वहीं बादाम में विटामिन डी भी होता है.
2- गुड़- गुड से आप हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं. कोशिश करें कि डाइट में चीनी की जगह पर गुड़ का इस्तेमाल करें. गुड़ में कैल्शियम और आयरन दोनों पाए जाते हैं.
3- खट्टे फल- हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आप डाइट में खट्टे फल जरूर शामिल करें. संतरे में विटामिन सी और डी काफी होता है. हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन सी भी जरूरी है. विटामिन सी में हड्डियों के टूटने का खतरा कम होता है.
4- अंडे- हड्डियों के लिए आप खाने में अंडा जरूर शामिल करें. अंडे में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी पाया जाता है. इसके अलावा अंडे में काफी मात्रा में दूसरे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं.
5- ग्रीन बीन्स- हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए हरी बीन्स जरूर खाएं. बीन्स में विटामिन ए, सी, और के, और फोलिक एसिड पाया जाता है. इसके अलावा प्रोटीन, आयरन और जिंक का भी बीम्स अच्छा स्रोत है.
6- काले चने- चने में कैल्शियम काफी होता है. आप खाने में भुने हुए काले चने शामिल कर सकते हैं. चने खाने से हड्डियां स्ट्रांग होती हैं. चने में आयरन भी काफी पाया जाता है.
7- मशरूम- मशरूम में विटामिन डी काफी मात्रा में होता है. इसके अलावा मशरूम में काफी मात्रा में दूसरे पोषक तत्व, विटामिन बी और कैल्शियम भी पाया जाता है.
8- डेयरी उत्पाद- कैल्शियम के लिए आप खाने में दूध, दही, छाछ, पनीर और अंडे जैसी चीजें जरूर शामिल करें. रोजाना एक ग्लास दूध पीकर आप हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं. वहीं दही में पाए जाने वाले गुड बैक्टिरिया पेट और शरीर को कई फायदे पहुंचाते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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