थायरॉइड हार्मोन (Thyroide Harmone) में जब चेंजेज होते हैं तो महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. थायरॉइड हार्मोन का कम या ज्यादा होना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका असर पीरियड्स पर भी पड़ता है.सिर्फ इतना ही नहीं वजन का बढ़ना, बालों का झड़ना, स्ट्रेस यह सभी थायरॉइड हार्मोन के इनबैलेंस के कारण होता है.
थायरॉइड ग्लैंड का सीधा असर रिप्रोडक्टिव ऑर्गन पर पड़ता है
पीरियड्स ठीक से हो ऐसे में थायरॉइड हार्मोन का बैलेंस होना जरूरी है. थायरॉइड ग्लैंग का रिप्रोडक्टिव ऑर्गन से सीधा कनेक्शन होता है. ऐसे में थायरॉइड ग्लैंड में गड़बड़ी होगी तो ऐसे रिप्रोडक्टिव सिस्टम में भी गड़बड़ी होगी. इसलिए ओवरीज और हार्मोन पर इसका सीधा असर पड़ता है. इसी की वजह से इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम शुरू होती है. इसे भूल से भी नजरअंदाज न करें.
थायरॉइड ग्लैंड में गड़बड़ी होने से हो सकते हैं ये कारण
थायरॉइड हार्मोन टीएसएच के बढ़ने के कारण इसका सीधा असर प्रोलैक्टिन हार्मोन पर होता है.
प्रोलैक्टिन हार्मोन, महिलाओं को फर्टिलिटी पर भी असर करती है. सिर्फ इतना ही नहीं यह एस्ट्रोजन हार्मोन पर भी एक हद तक प्रभावित करता है.
TSH के बढ़ने के कारण प्रोलैक्टिन हार्मोन का लेवल बढ़ता है जिसके बाद पीरियड्स में गड़बड़ी होती है.
थायरॉइड हार्मोन की वजह से ही प्रोलैक्टिन हार्मोन का लेवल बढ़ता है जिसके कारण व्युलेशन और मेंस्ट्रुअल साइकिल काफी प्रभावित होती है. इसी की वजह से पीरियड्स में गड़बड़ी होती है. ब्लड फ्लो भी स्लो या हेवी हो सकता है.
थायरॉइड की वजह से हो सकती हैं ये दिक्कतें
थायरॉइड ग्लैंड में गड़बड़ी की वजह से इनफर्टिलिटी की शिकायत हो सकती है. थायरॉइड कैसी भी हो ओवरएक्टिव या अंडर एक्टिव महिलाओं की फर्टिलिटी को काफी ज्यादा प्रभावित करती है. यह वह ग्लैंड है जिसकी वजह से समय से पहले कुछ महिलाओं का पीरियड्स रूक जाता है. थायरॉइड अगर ठीक रखना है या कंट्रोल में रखना है तो आपको अपनी सही डाइट रखनी होगी.