हमारा देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से नए कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या थोड़ी कम हुई है, लेकिन कोरोना के साथ कई और बीमारियों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. जिसके बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है. कई लोग जो कोरोना से ठीक हो चुकें हैं उनके मन में भी ये सवाल आ रहा है कि क्या कोरोना से रिकवर होने के बाद भी ब्लैक फंगस का संक्रमण हो सकता है. क्या कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में भी इसका खतरा है. जानते हैं.
किसे हो सकता है ब्लैक फंगस का संक्रमण?
डॉक्टर्स का कहना कि, 'ब्लैक फंगस संक्रमण होने का खतरा उन लोगों में सबसे ज्यादा है, जिन्हें डायबिटीज की समस्या है. ऐसे लोग जो लंबे समय तक स्टेरॉयड पर रहे हों या जिनकी इम्यूनो थेरेपी चली हो. इसके अलावा कैंसर के मरीज और अगर किसी तरह का कोई ट्रांसप्लांट हुआ है ऐसे लोगों में भी खतरा हो सकता है. लेकिन एक सामान्य व्यक्ति को ब्लैक फंगस संक्रमण होने के चांस काफी कम होते हैं.
ब्लैक फंगस से कैसे करें बचाव?
ब्लैक फंगस के संक्रमण से बचने के लिए आपको कुछ सावधानी जरूर बरतनी चाहिए. सबसे पहले आपको साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए. ऐसी जगह पर जाने से बचें जहां धूल, मिट्टी ज्यादा हो. हालांकि जिनकी इम्यूनिटी स्ट्रांग है, उनमें ब्लैक फंगस का खतरा काफी कम है.
ब्लैक फंगस के लक्षण
ब्लैक फंगस को म्यूकॉरमायकोसिस कहते हैं. लोगों में इसके अलग-अलग लक्षण पाए गए हैं. जिसमें-
⦁ बुखार
⦁ आंखों में दर्द
⦁ खांसी
⦁ आंख की रोशनी कमजोर होना
⦁ छाती में दर्द
⦁ सांस का फूलना
⦁ साइनस कंजेशन
⦁ मल में खून आना
⦁ उल्टी आना
⦁ सिरदर्द
⦁ चेहरे के किसी तरफ सूजन
⦁ मुंह के अंदर या नाक पर काले निशान
⦁ पेट में दर्द
⦁ डायरिया
⦁ शरीर पर कुछ जगह लालिमा, छाले या सूजन आना जैसी समस्या हो सकती है
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