निपाह वायरस से 12 वर्षीय लड़के की मौत के बाद केरल को दोहरे मोर्चे पर लड़ाई लड़नी पड़ रही है. राज्य में पहले ही रोजाना 25,000 हजार कोरोना के मामले दर्ज हो रहे हैं. लेकिन, क्या दोनों निपाह और कोरोना एक शख्स को संक्रमित कर सकते हैं?


न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में डॉक्टरों का कहना है कि दोनों निपाह और कोरोना से संक्रमित होने की संभावना कम है. डॉक्टर डीएस अनिस ने बताया की निपाह वायरस दूर-दूर तक नहीं फैलता है और ये कुछ क्षेत्रों या कलस्टर तक ही सीमित रहता है.


उनका कहना है कि निपाह वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या शायद ही कभी 50 पार होते हैं. ये पहली बार नहीं है जब केरल को निपाह वायरस से निपट रहा है. 2018 और 2019 में निपाह वायरस संक्रमण के मामलों को राज्य का स्वास्थ्य विभाग पहले भी संभाल चुका है. केरल में जारी महामारी की जंग के बीच जीका के कुछ मामले भी उजागर हो चुके है.


जुलाई में, केरल ने जीका वायरस के स्थानीय प्रकोप का सामना किया है. 12 वर्षीय बच्चे की मौत के बाद दो हेल्थ केयर वर्कर्स में निपाह वायरस के लक्षणों की पहचान हुई है. सरकार ने पुष्टि की है कि ये दोनों मृतक के संपर्क में आए 20 हाई रिस्क वाले वाले लोगों में शामिल थे. 


नई चुनौती से पार पाना क्या होगा आसान?
डॉक्टरों ने कहा है कि बहुत सारी वजहों से वर्तमान में चिंता का कम कारण है. पहला कारण, राज्य को 2018 और 2019 में निपाह से निपटने का काफी अनुभव है. दूसरा कारण, कोविड के कारण पहले से ही कुछ सुरक्षात्मक उपाय उठाए जैसे मास्क और पीपीई किट्स पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, हाथ की साफ-सफाई का ख्याल, इसलिए इस बार संक्रमण का फैलाव कम होगा.


निपाह एक जूनोटिक वायरस है और उसे कोरोना वायरस की तरह ज्यादा संक्रामक नहीं देखा जाता. टेरोपोडिडे परिवार के चमगादड़ निपाह वायरस के वाहक समझे जाते हैं. ये चमगादड़ पेड़ों पर रहते हैं और आम तौर से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं.


मरीज की स्थिति गंभीर होने पर ज्यादा खतरा
निपाह ऐसा वायरस हो जानवरों से इंसानों में और इंसानों से इंसानों में फैल सकता है. एच1एन1 के नोडल ऑफिसर डॉक्टर अमर फेटले ने बताया कि संक्रमण का ट्रांसमिशन उस वक्त ज्यादा होने की संभावना है जब मरीज की स्थिति गंभीर हो जाए-जब अस्पताल में भर्ती हो. इसलिए संक्रमण फैलने का खतरा समुदाय के मुकाबले अस्पतालों में अधिक है. निपाह वायरस के मामलों को देखते हुए कन्नूर और मलप्पुरम को हाई अलर्ट पर रखा गया है.


तमिलनाडु सरकार ने नौ सीमावर्ती जिलों में केरल से आनेवाले लोगों की मॉनिटरिंग तेज कर दी है. 2018 में निपाह वायरस की चपेट में आकर 17 मौत और संक्रमण के कारण 18 मामले और 2019 में कोच्चि से मात्र एक मामला सामने आया था.


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