दिल का दौरा पड़ने के बाद सर्जरी होने के बाद भी मौत हो सकती है क्या? यहां पढ़ें क्या कहते हैं डॉक्टर
Health News: मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की हाल ही में कार्डिएक अरेस्ट से मौत हुई है. इस बीच लोगों के मन में कई तरह से सवाल आ रहे हैं.
हार्ट अटैक से मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव(raju shrivastav) की जान जा चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल को दुरस्त करने के लिए राजू श्रीवास्तव की एंजियोप्लास्टी भी हो चुकी थी. दिमाग को छोड़कर दिल व अन्य बॉडी पार्ट्स ने प्रॉपर काम करना शुरू कर दिया था. फिर ऐसे क्या हुआ कि हर्ट अटैक आया और मौत का कारण बना. डॉक्टर्स ने एंजियोप्लास्टी के बाद जिंदा रहने के चांस और खतरों के बारे में बताया है. यह भी समझाया कि सर्जरी के बाद दिल में बेड टिश्यू रह जाते हैं, जो कई बार सीरियस पेशेंट के लिए बेहद घातक होते हैं. आइए इसी को समझते हैं.
एंजियोप्लास्टी के बाद कार्डिएक अरेस्ट क्यों?
कार्डिएक अरेस्ट से बचाव के लिए मरीज को सीपीआर दिया जाता है. सीपीआर को मेडिकल टर्मिनोलॉजी में कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन कहा जाता है. इसमें हाथों से दिल को दबाकर ब्लड पंपिंग को सही किया जाता है. सीपीआर देने के बाद कई बार मरीज को दोबारा कार्डिएक अरेस्ट हो जाता है. लेकिन एंजियोप्लास्टी के बाद कार्डिएक अरेस्ट आना पेशेंट की हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करता है. डॉक्टर्स का कहना है कि राजू श्रीवास्तव को कार्डिएजेनिक शॉक्ड था. इस स्थिति में एंजियोप्लास्टी करना चैलेंजिंग था. ऐसे मामलों को देखें तो मरीज के बचने के चांस 50-50 होते हैं. जो मरीज स्वस्थ होते हैं. एंजियोप्लास्टी के बाद उनको कार्डिएक अरेस्ट होना न के बराबर होता है.
दिल के बेड टिश्यू ले लेते हैं जान
डॉक्टर विमल कुमार के मुताबिक, एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी के बाद भी पेशेंट को दोबारा कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. इसके पीछे वजह ब्लड का ब्लॉकेज या फिर दिल द्वारा कमजोर ब्लड पम्पिंग से ऐसा हो सकता है. यदि दिल की ब्लड सप्लाई करने की कैपेसिटी 40 परसेंट से नीचे आ जाती है तो 10 से 15 परसेंट संभावना दोबारा कार्डिएक अरेस्ट होने की होती है. इसका एक बड़ा कारण है, सर्जरी के बाद बेड टिश्यू का रह जाना, जोकि दिल में इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस पैदा करते हैं और तुरंत ही कार्डिएक डेथ भी हो जाती है. हर्ट की पम्पिंग यदि बेहतर है. तभी उसके बचने की संभावना अधिक होती है.
क्या होती है एंजियोप्लास्टी
दिल की ब्लड वेन्स में जब ब्लॉकेज पैदा हो जाते हैं. दिल ब्लड सप्लाई करना कम कर देता है तो उस ब्लॉकेज को खोलने के लिए ही एंजियोप्लास्टी की जाती है. दिल से गुजरने वाली वेंस को कोरोनरी आर्टरीज कहा जाता है. डॉक्टर्स के अनुसार कार्डिएक अरेस्ट से बचाव के लिए प्राइमरी ट्रीटमेंट मिलना बेहद जरूरी है. ऐसा न होने पर 90 से 95 प्रतिशत संभावना है कि व्यक्ति जिंदा न बचे. इसलिए समय समय पर हर्ट की जांच कराते रहिए. किसी भी तरह का लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जाएं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी डॉक्टर से बातचीत करके लिखी गई है. फिर आप किसी तरह की मेडिकल सलाह के लिए डॉक्टर से जरूर बात करें.
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