क्या आप भी इस खास तरीके से चलते हैं? तो समझ लें इस बीमारी ने पेट में दे दी है दस्तक
फैटी लिवर का इलाज वक्त रहते कर लेना चाहिए. नहीं तो यह कब गंंभीर बीमारी का रूप ले ले आपको पता भी नहीं चलेगा.
फैटी लिवर को 'हेपेटिक स्टीटोसिस' (लिवर में जब सूजन होता है) भी कहा जाता है. फैटी लिवर में लिवर में काफी ज्यादा फैट जमा हो जाता है जिसके कारण चलने-फिरने उठने बैठने में दिक्कत होती है. यह एक आम समस्या है जो अब युवा पीढ़ी में भी देखने को मिल रही है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरी आबादी का 25-30 प्रतिशत हिस्सा इस बीमारी से प्रभावित है. अगर इसका पता सही वक्त पर नहीं लगाया गया तो यह बीमारी कब अपना गंभीर रूप ले लें आपको पता भी नहीं चलेगा. फैटी लिवर के कोई ऐसे खास लक्षण नहीं होते हैं. लेकिन डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि किसी भी व्यक्ति के चलने के पैटर्न में बदलाव इस बीमारी के शुरुआती संकेत होते हैं.
फैटी लिवर लिवर के फंक्शन को करता है प्रभावित
लिवर में ज्यादा फैट आपके पेट से लेकर शरीर को तहस-नहस कर सकती है. इसका सीधा असर किसी भी व्यक्ति के चलने की स्टाइल में बदलाव से जुड़ा हो सकता है. फैटी लिवर में मांसपेशियों जमने लगने लगती है. जो लिवर के फंक्शन में कई तरह से प्रॉब्लम कर सकती है. साथ ही साथ यह शरीर में कमजोरी का कारण भी बन सकती है.
पेट के नीचले हिस्से में दर्द, लॉन्ग वॉक करने में दिक्कत
लिवर में ज्यादा चर्बी जमने के कारण उसमें सूजन हो जाती है. इससे पेट के नीचले हिस्से में दर्द और अकड़न की समस्या शुरू हो सकती है. जिसकी वजह से आप लॉन्ग वॉक भी नहीं कर सकते हैं.
अधिक शराब पीने वाले हो जाएं सावधान
यदि कोई व्यक्ति मोटापा, मधुमेह, हाई कोलेस्ट्रॉल और अत्यधिक शराब पीता है, तो लीवर में सूजन का खतरा बढ़ जाता है. यह उस व्यक्ति के चलने की शैली को भी प्रभावित कर सकता है.
थकावट महसूस होना
काफी ज्यादा थकावट महसूस होना, पेट में दर्द, जॉन्डिश जैसे लक्षण आप महसूस कर रहे हैं तो आपके लिवर में गड़बड़ी शुरू हो गई है.
फैटी लिवर से बचना है तो इन बातों का खास ख्याल रखें
अगर आपको चलते वक्त तकलीफ हो रही है. या पेट के नीचले हिस्से में हर वक्त दर्द रहता है तो आपको खुद से कुछ खास बातों का ख्याल रखना होगा. और अगर आप वक्त रहते डॉक्टर से बात करेंगे तो आपकी हेल्थ के लिए और अच्छा है.
डॉक्टर की सलाह पर सबसे पहले अल्ट्रासाउंड, कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन, मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन तो जरूर करवाएं ताकि इसका पता लगाया जा सके. फैटी लिवर को कंट्र्रोल करने के लिए कोई खास दवाई तो नहीं है. कुछ दवाएं ऐसी हैं जिसको डॉक्टर लेने की सलाह देते हैं.
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको फैटी लिवर से बचना है तो सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल और डाइट का खास ख्याल रखना होगा. ताकि आप इसकी बीमारी की रोकथाम वक्त रहते कर लें. डाइट में मुख्य रूप से फल, सब्जियां, साबुत अनाड, और हेल्दी फैट जैसे मछली, नट्स, जैतून का तेल को शामिल करना होगा. इससे आपका लिवर हेल्दी और फिट रहेगा.
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