ब्रिटिश शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बाद खुशबू महसूस करने की क्षमता को फिर से प्राप्त किया जा सकता है और ये संभव होगा विटामिन ए वाली नैजल ड्रॉप से. गौरतलब है कि संक्रमण से ठीक होने के बाद मरीजों को सूंघने और स्वाद की क्षमता प्रभावित होती है. किसी शख्स में खुशबू महसूस करने की आंशिक या पूरी तरह खत्म होने की क्षमता को मेडिकल की भाषा में 'एनोस्मिया' कहा जाता है और ये इस बात का संकेत होता है कि किसी शख्स में कोविड-19 का लक्षण है. ये स्थिति लंबे समय तक रह सकती है, करीब 5 फीसद कोविड-19 रोगी संक्रमित होने के एक साल बाद खुशबू महसूस करने की क्षमता से उबर नहीं पाते हैं.


कोरोना की वजह से खत्म हो गई है सूंघने की क्षमता?


बेहतर तरीके से समझने के लिए इस्ट एंजिलिया यूनिवर्सिटी की टीम 12 सप्ताह तक ट्रायल करेगी, उस दौरान सूंघने की क्षमता खो चुके संक्रमित लोगों का विटामिन ए वाली नैजल ड्रॉप से इलाज किया जाएगा. परीक्षण का आधार जर्मन रिसर्च पर आधारित है. रिसर्च में विटामिन के संभावित फायदे दिखे थे. नई रिसर्च में देखा जाएगा कि कैसे ये इलाज कोरोना वायरस के कारण क्षतिग्रस्त नाक के टिश्यू को रिपेयर करने में मदद करता है. दरअसल, संक्रमण के बाद कोरोना वायरस नाक के टिश्यू को नुकसान पहुंचाता है. उसकी वजह से खुशबू के एहसास की क्षमता प्रभावित होती है.


विटामिन ए वाली नैजल ड्रॉप से इलाज की उम्मीद 


शोधकर्ताओं की टीम को उम्मीद है कि इलाज एक दिन दुनिया भर में गंध के नुकसान से पीड़ित लाखों लोगों की जिंदगी को सुधारने में मदद कर सकता है और ये उनकी पांचवीं इंद्रियों को बहाल कर करेगा. मानव परीक्षण की शुरुआत दिसंबर में होने जा रही है. विटामिन ए शरीर के इम्यून सिस्ट का समर्थन करने में मदद करता है और साथ में स्किन और नाक को हेल्दी रखता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि विटामिन ए के शानदार स्रोतों में पनीर, अंडे, ऑयली फिश शामिल हैं. हालांकि, डाइट में बहुत ज्यादा विटामिन ए का इस्तेमाल नुकसानदेह हो सकता है और बाद की जिंदगी में आपकी हड्डी की सेहत को खराब कर सकता है.  


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