Cancer Medicine: मलेरिया मच्छर जनित रोग है. हर साल देश में ही सैकड़ों की संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आ जाते हैं. इलाज न मिलने के कारण काफी मरीजों की मौत तक हो जाती है. हाल में एक रिसर्च मलेरिया के इलाज में उम्मीद बनकर उभरी है. क्लीनिकल ट्रायल में सामने आया है कि कैंसर के इलाज में यूज की जाने वाली दवाएं मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में भी कारागर है. यदि सबकुछ सही रहा तो आने वाले दिनों में यह दवा मार्केट में लोगों के लिए उपलब्ध होगी.
अलग तरीके से काम करेगी दवा
केपटाउन विश्वविद्यालय (यूसीटी) के विशेषज्ञों के नेतृत्व में शोध दल ने रिसर्च की. रिसर्च साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन पत्रिका में पब्लिश हुई है. क्लीनिकल ट्रायल में सामने आया कि कैंसर के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाओं में मलेरिया से बचाव, इलाज और रोकथाम की क्षमता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि कोविड की वजह से मलेरिया का टीकाकरण, इलाज और उसके देखरेख सही ढंग से नहीं हो सका है. इसी कारण विश्व में मलेरिया के केसों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.
सैपनिसर्टिब आएगी काम
रिसर्च में यह देखा गया कि क्या ब्रेस्ट कैंसर, एंडोमेट्रियल कैंसर, ग्लियोब्लास्टोमा, रीनल सेल कार्सिनोमा और थायराइड कैंसर जैसे ट्यूमर के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल के दौरान दी गई दवा सैपनिसर्टिब का उपयोग मलेरिया के इलाज में हो सकता है. रिसर्च में सामने आया कि दवा ने अलग-अलग चरणों में परजीवी को मारकर मलेरिया के फैलने से बचाव, इलाज और रोकथाम की. मलेरिया पैरासाइट लिवर और रेड ब्लड सेल्स में विकसित होता है और यही छिपकर रहता है. दवा ने इस जगह अटैक कर परजीवी को जड़ से खत्म कर दिया. सैपनिसर्टिब मलेरिया परजीवी में किनेसेस नामक विभिन्न प्रोटीनों को रोकता है. इससे मलेरिया पैरासाइट मर जाता है.
कितनी दी जाएगी डोज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित मलेरिया ड्रग एक्सेलेरेटर प्रोजेक्ट में दवा पर रिसर्च चल रही है. अब इसमें दवा का व्यक्ति की बॉडी पर प्रभाव और कितनी डोज व्यक्ति को दी जाएं, इस पर रिसर्च जारी है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.