Cancer Study: कैंसर पेशेंट के इलाज के लिए उम्मीद भरी खबर है. यदि वैज्ञानिकों का परीक्षण सफल रहा तो कैंसर के इलाज में नई तकनीक विकसित होगी. डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर एक जानलेवा रोग है. इसके पीछे वजह है कि इस बीमारी की जानकारी रेयरली पहली स्टेज में हो पाती हैं. एडवांस स्टेज में लोगों को लक्षण दिखने शुरू होते हैं. तब तक काफी देर हो चुकी होती है. साइंटिस्ट भी कैंसर से निपटने के लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं. अब वैज्ञानिकों ने ऐसी ही नई तकनीक विकसित की है. 


CRISPR Gene Editing Technique से होगा इलाज
वैज्ञानिकों ने पहली बार CRISPR Gene Editing Technique का उपयोग किया है. इसमें जीन को इंसर्ट किया जाएगा. जिससे इम्यून सेल्स कैंसर कोशिकाओं पर अटैक कर उन्हें खत्म करने का काम करेंगी. सामान्य कोशिकाओं पर इस तकनीक का कोई निगेटिव प्रभाव नहीं होगा. इम्यूनोथेरेपी का इपफेक्ट भी तेजी से बढ़ जाएगा. इस जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल पहले मनुष्यों में विशिष्ट जीन को हटाने के लिए किया गया है. इससे इम्यून सिस्टम को कैंसर सेल्स के खिलापफ लड़ने के लिए एक्टिव किया जा सके. 


जर्नल नेचर में पब्लिश हुई स्टडी
जर्नल नेचर में इस संबंध में स्टडी पब्लिश की गई. स्टडी में बताया गया कि सीआरआईएसपीआर का इस्तेमाल न केवल विशिष्ट जीनों को बाहर निकालने के लिए किया, बल्कि इम्यून सिस्टम मेें कुछ नए जीनों को शामिल भी किया गया. इससे मरीज की कैंसर कोशिकाओं में होने वाले बदलावों को जीन और सेल्स आसानी से पहचान लेंगी. शोधकर्ताओं ने कहा कि जब रोगियों को वापस इन्फेक्टिड किया जाता है तो सीआरआईएसपीआर-इंजीनियर प्रतिरक्षा कोशिकाएं कैंसर सेल्स को पहचानना शुरू कर देती हैं. उस स्थान पर कैंसर के खिलाफ सेल्स का एक समूह बन जाता है. व्यक्ति के इम्यून सिस्टम में इम्यून सेल्स पर विशिष्ट रिसेप्टर्स होते हैं. ये विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को पहचान सकते हैं और उन्हें सामान्य कोशिकाओं से अलग कर सकते हैं.


कैंसर कोशिकाओं को कर देते हैं अलग
इम्यून रिसेप्टर्स का उपयोग जीन एडिटिंग का यूज करके कैंसर को पहचानने के लिए किया जाता है. इसके लिए इम्यून सेल्स को डायरेक्शन दिए जाते हैं. साइंटिस्ट का कहना है कि कैंसर के इलाज में यह एक लंबी छलांग है. इम्यून रिसेप्टर को अलग करके कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उनका इलाज करना बेहद महत्वपूर्ण है.


 


ये भी पढ़ें