Cancer Symptoms: केंद्र सरकार के स्लोगन पर लिखा रहता है कि कैैंसर जालनेवा बीमारी है. लेकिन इसके जानलेवा होने के पीछे विशेषज्ञ कुछ वजह मानते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर के गंभीर होने का कारण यह होता है कि प्राइमरी स्टेज में इसके होने की जानकारी नहीं हो पाती है और जबतक इसकी जानकारी होती है. तब तक काफी देर हो चुकी होती है.


बॉडी में कोशिकाएं सामान्य तरीके से बढ़ती रहती हैं. लेकिन जैसे ही इनमें अनियत्रिंत ग्रोथ होने लगती हैं. वहीं कैंसर बनना शुरू कर देती है. कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. आज हम ऐसे चार तरह के कैंसर के बारे में जानकारी लेंगे. जिनके लक्षणों की पहचान करना जरूरी है. वरना ये जानलेवा भी होे सकते हैं. 


1. मुंह का कैैंसर होना


जो लोग तंबाकू, पानमसाला खाते हैं. उन्हेें मुंह का कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है. डॉक्टरोें का कहना है कि आमतौर पर सेल्स के इरीटेट होने पर उनमें अनियत्रिंत ग्रोथ देखने को मिलती है. इसके लक्षणों की बात करें तो मुंह या होंठ पर होने वाला घाव नहीं भरता है. दंातों में ढीलापन, त्वचा पर अलग अलग कलर के स्पॉट दिखना, खाना सटकने   में परेशानी होने लगती है. यदि ऐसे कोई लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच करा लेनी चाहिए.


2. महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर


महिलाओं में होने वाला सर्वाइकल कैंसर तीसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है. इस कैंसर का प्रमुख कारक हयूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वायरस है. ये बीमारी अनप्रोटेक्टिव रिलेशन बनाना, एक से अधिक साथी होना, ध्रमुपान करना, कमजोर इम्यून सिस्टम इसके प्रमुख कारण होते हैं. रिलेशन के बाद लगातार ब्लीड होना, पीरियड के बाद भी ब्लीडिंग होता रहना, पेट में तेज दर्द होना और अजीब गंध का डिस्चार्ज होना इसके लक्षण होते हैं. 


3. फेफड़े का कैंसर भी करता है परेशान


फेफड़ों का कैंसर भारत में पाए जाने वाले सबसे कॉमन कैंसर में से एक है. ये धूम्रपान, प्रदूषित धुआं और जहरीली गैसोें के संपर्क में आने से होता है. यह कैंसर जेनेटिक भी होता है. इसके लक्षणों में लंबे समय तक खासीं का न जाना, सीने में तेज दर्द होना, खांसी के साथ ब्लड आना, थकान महसूस करना शामिल हैं.  


4. पेट का कैंसर


कैंसर पेशेंट के आंकड़ों को देखें तो पेट का कैंसर भी कॉमन कैंसर ही माना जाता है. इसका प्रमुख कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन माना जाता है. यदि यह इन्फेकक्शन लंबे समय से है तो इसके होने का जोखिम उतना ही अधिक है. जेनेटिक कारक, गैस्ट्राइटिस और पेप्टिक अल्सर के कारण यह हो जाता है. वहीं, इसके लक्षणों की बात करें तो खाना निगलने में दर्द होना, पेट में तेज दर्द होना, उलटी आना, कम खाने पर ही पेट भरना महसूस होना, सीने में जलन, थकान जैसे लक्षण शामिल हैं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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