Cancer Risk: भले ही कुछ लोग अपने मोटापे को नजरअंदाज करते हो लेकिन आपको बता दें कि मोटापा वास्तव में एक गंभीर समस्या है. मोटापा कैंसर सहित कई जानलेवा बीमारियों का कारण है. यूएस सीडीसी के अनुसार अधिक वजन होना और मोटापा होने के साथ जुड़ा हुआ है. वजन बढ़ने से आप कैंसर जैसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. आज इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि आखिर मोटापा किस तरह नुकसान का कारण बनता हैं. मोटापे से ब्रेस्ट कैंसर, कोलन और मलाशय कैंसर, गर्भाशय कैंसर, पित्ताशय की थैली का कैंसर, पेट का कैंसर, गुर्दे का कैंसर, अंडाशय का कैंसर, अग्न्याशय का कैंसर, थायराइड कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर हो सकता है. 


मोटापा कैंसर के खतरे को कैसे बढ़ाता है?


मोटे लोगों के ब्लड में इंसुलिन जैसे वृद्धि कारक उच्च स्तर के होते हैं. हाइपरइंसुलिनमिया के रूप में जानी जाने वाली यह स्थिति एक कैंसर का खतरा है. इससे कोलन, किडनी और प्रोस्टेट में कैंसर हो सकता है. मोटापा ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बनता है और कैंसर सहित कई बीमारियों का खतरा बढ़ाता है. जन्म के समय अधिक वजन होने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. एक वयस्क के रूप में वजन बढ़ना और बार-बार वजन बढ़ना भी खतरे के संकेत है. वजन समय के साथ बदल सकता है और अगर कभी बढ़ रहा है या घट रहा है तो यह कैंसर के खतरे को बढ़ाता है.


प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें


किसी व्यक्ति का वजन बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई से मापा जाता है. एक स्वस्थ बीएमआई 18.5 और 24.9 के बीच होता है. 25 से ऊपर बीएमआई को अधिक वजन माना जाता है और 30 से ऊपर को मोटापा माना जाता है. मौसमी फल और सब्जियां खाना, प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करना वजन को कंट्रोल करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन युक्त संतुलित आहार वजन को बनाए रखता है. शरीर के वजन को बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि भी जरूरी है. स्वास्थ्य रिपोर्ट एक हफ्ते में 150 मिनट व्यायाम करने का सुझाव देती है और अगर यह हेवी व्यायाम है तो एक सप्ताह में 75 मिनट कर सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.