Cancer Treatment: भारत के कई परिवारों में हर पीढ़ी में हो रहा है कैंसर, यहां इस तरीके से पहले ही चल जाएगा पता!
देश में 90 प्रतिशत कैंसर अन्य वजह से होते हैं, जबकि 10 प्रतिशत कैंसर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चले आ रहे हैं. मुंबई के नामी अस्पताल में हेरिडेटिरी कैंसर क्लीनिक की शुरुआत हुई है.
पीढ़ी दर पीढ़ी आ रहे 10% मामले
एक्सपर्ट का कहना है कि देश में हर साल करीब 14 लाख मामले अलग अलग तरह के कैंसर के रिपोर्ट किये जाते हैं. इनमें से 90 प्रतिशत केस पान, तम्बाकू, गुटखा जैसी आदतों के कारण होते है. वहीं 10 प्रतिशत मामले ऐसे होते हैं, जोकि पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे होते हैं. परिवार में दादा, दादा, नाना, नाना या अन्य किसी संबंधी को कैंसर हो और नेक्स्ट पीढ़ी में चला जाये. यही वंशानुगत और हेरीडेटिरी कैंसर कहा जाता है.
आमतौर पर ये होते हैं हेरीडेटिरी कैंसर
हेरीडेटिरी कैंसर को जेनेटिक कैंसर भी माना जाता है. ब्रेस्ट, ओवेरियन, कोलोन, प्रोस्टेट, फेफड़े, थाईराइड, मूत्राशय, लिवर, मेलेनोमा, सार्कोमा और पेनक्रियाज कैंसर शामिल होते हैं
कोकिला बेन असप्ताल में हेरीडेटिरी क्लीनिक की शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हेरीडेटिरी कैंसर के इलाज को लेकर मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल ने हेरीडेटिरी(वंशानुगत) कैंसर क्लीनिक की शुरुआत की है. इस अस्पताल में हेरीडेटिरी कैंसर रोगियों का इलाज हो सकेगा,यानि 10% पेशेंट अपना इलाज करा सकेंगे. यहां आने वाले लोगों की पहले ही जानकारी हो सकेगी कि कैंसर के लिए हेरीडेटिरी तौर पर जोखिम कारक स्थिति तो नहीं है.
113 जीनों का होगा परीक्षण
एक्सपर्ट का कहना है कि 113 जीनों पर आधारित व्यापक आनुवांशिक मूल्यांकन और जांच के आधार पर व्यक्ति में हेरीडेटिरी कैंसर का पता लगाया जा सकता है. इस तरह की जांच से पहले पेशेंट को प्री टेस्ट जेनेटिक कॉउंसलिंग और टेस्ट के बाद सलाह दी जाती है, ताकि पेशेंट को किसी तरह की परेशानी न होने पाए. विशेषज्ञों का कहना है कि वंशानुगत कैंसर सिंड्रोम की जांच करने के लिए उम्र 18 वर्ष तो होनी चाहिए. इस तरह के प्रोसेस से भविष्य में होने वाली कैंसर की संभावनाओं को खासा कम किया जा सकेगा.
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