ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए लाइफलाइन बना कार्बोप्लैटिन दवा...टीएमस की नई स्टडी मे हुआ खुलासा
कार्बोप्लैटिन नाम की दवाई आक्रमक ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में कारगर है, दवाई से सर्वाइवल रेट बढ़ सकता है.
Carboplatin Drug For Breast Cancer Treatment: स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाले सबसे कॉमन कैंसर हैं. WHO के आंकड़े बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर हर साल दुनिया भर में करीब 2.1 मिलियन महिलाओं को प्रभावित करता है हालांकि इसको लेकर कई सारे अध्ययन चल रहे हैं, इन्हीं में से टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के वर्किंग ग्रुप द्वारा स्तन कैंसर पर हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि कार्बोप्लैटिन नाम की दवाई आक्रमक कैंसर को रोकने में कारगर है, दवाई से सर्वाइवल रेट बढ़ सकता है. यह दवाई triple-negative स्तन कैंसर को ठीक करने में वरदान साबित हो रहा है. यह बहुत ही अच्छी और सस्ती दवाई है जो आसानी से बाजार में उपलब्ध है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. अमेरिका के सैन एंटोनियो में चल रहे स्तन कैंसर सम्मेलन में टाटा मेमोरियल सेंटर में ऑंकोलोजी के प्रोफेसर डॉ सुदीप गुप्ता ने रिसर्च के नतीजे पेश किए. उन्होंने बताया कि स्टडी के परिणाम आने तक इस बात का कोई निर्णायक सबूत नहीं था कि इस बीमारी के इलाज के हिस्से के रूप में इस दवा का नियमित रूप से उपयोग किया जाना चाहिए.
स्टडी में कार्बोप्लाटिन दवाई से मिले चौंकाने वाले फायदे
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2010 से लेकर साल 2020 तक स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को दो हिस्सों में बांटा गया था जिन पर अध्ययन के बाद यह पता चला है कि कार्बोप्लैटिन दवाई जीवनदाई साबित हो रही है.टाटा मेमोरियल ने triple-negative स्तन कैंसर पीड़ित महिलाओं को शोध में शामिल किया पीड़ितों के दो ग्रुप बनाए गए एक समूह की महिलाओं की स्टैंडर्ड केमोथेरपी की गई दूसरे समूह की महिलाओं को सप्ताह में एक बार अन्य दवाई के साथ कार्बोप्लैटिन दी गई लगातार 8 सप्ताह तक तय मानकों के मुताबिक दोनों ग्रुप की महिलाओं का उपचार किया गया जिसमें कार्बोप्लैटिन ग्रुप की महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर पाया गया.
बता दें कि पीड़ित महिलाओं को यह दवाई खरीदने के लिए मासिक खर्च हजार रुपए के आसपास होगा.इससे नतीजे सकारात्मक रहे हैं, इससे हजारों महिलाओं की जान बचाई है. सिर, गर्दन, अंडाशय कैंसर पीड़ितों की केमोथेरेपी में भी कार्बोप्लैटिन का इस्तेमाल होता है.परिणामों को दुनिया भर के ऑन्कोलॉजिस्टों द्वारा सराहा गया. कार्बोप्लाटिन दवाई जैसा सामान्य रूप से उपलब्ध और सस्ता उपचार अब नियमित रूप से टीएनबीसी से पीड़ित महिलाओं को प्री-ऑपरेटिव कीमोथेरेपी के हिस्से के रूप में पेश किया जाएगा जो स्तन कैंसर का सबसे आक्रामक प्रकार है.
कार्बोप्लैटिन दवाई कैंसर मरीजों की जान बचाने में है कारगर
टाटा मेमोरियल सेंटर की निदेशक डॉक्टर राजेंद्र बडवे ने कहा कि हर साल औसतन ही 11 लाख महिलाएं स्तन कैंसर पीड़ित होती हैं, जिनमें से 30000 मामले triple-negative स्तन कैंसर के होते हैं, जो बेहद आक्रमक माना जाता है. अब तक यह आंकड़ा बताता है कि 40 फ़ीसदी महिलाएं इस बीमारी की वजह से जान से हाथ धो बैठती हैं, लेकिन अब ये दवाई आने की वजह से मृत्यु दर में काफी कमी आई है और महिलाएं भी पहले के मुकाबले कम समय में पूरी तरह से ठीक हो रही हैं.डॉ बडवे ने कहा अगर अध्ययन को दुनिया भर में लागू किया जाता है तो इससे सालाना हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है.
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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