Cardiac Arrest आने के पीछे ये वजह तो नहीं, युवा इन्हें जान लें और जरा संभलकर रहें
कभी दिल की बीमारी बुजुर्गाें का रोग होता था. अब इसकी चपेट में युवा आ रहे हैं. कार्डिएक अरेस्ट आने से तो युवा चंद मिनटों में जान गंवा रहे हैं
Heart Attack: हार्ट से ब्लड सप्लाई बाधित होने पर कार्डिएक अरेस्ट आता है. यह कहीं भी, कभी भी आ सकता है. पिछले दो सालों में कई नामी सेलिब्रिटीज की एक्सरसाइज करने के दौरान कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो गई. कई युवा कार्डिएक अरेस्ट से दम तोड़ चुके हैं. हाल में एक वीडियो सामने आया, जिसमें दुल्हन दुल्हे को वरमाला पहनाते वक्त स्टेज पर गिर पड़ी. बाद में मौत हार्ट अटैक से होना सामने आया. अब सवाल यही है कि यूथ स्टेज में जब बॉडी का हर पार्ट मजबूती से काम कर रहा है तो दिल अंदर से क्यों कमजोर हो रहा होता है. क्या ब्लड का दबाव झेलने में हार्ट सक्षम नहीं रह पाता. आज इन्हीं पर बात करते हैं.
यूथ क्यों हो रहा है कार्डिएक अरेस्ट का शिकार
डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर हार्ट अटैक आने के पीछे कई वजहें होती हैं. 35 से अधिक उम्र वालों में कार्डियक अरेस्ट कोरोनरी आर्टेरी डिज़ीज़ की वजह से होते हैं. यूथ में कार्डिएक अरेस्ट आने के पीछे कई वजह होती हैं. इनमें से कुछ नीचे दी गई हैं.
- हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी में हार्ट की मांसपेशी मोटी हो जाती हैं. इससे ब्लड सप्लाई बिगड़ जाती है और कार्डिएक अरेस्ट आने की संभावना रहती है.
- कोरोनरी आर्टरी अबनॉर्मलिटीज़ बहुत कम लोगों में पाया जाता है. इस बीमारी में कोरोनरी आर्टरीज सही तरीके से नहीं जुड़ी होती है. इससे हार्ट वर्क करने या एक्सरसाइज करने के दौरान ब्लड सप्लाई हार्ट तक सही ढंग से नहीं हो पाती है और कार्डिएक अरेस्ट आने की संभावना रहती है.
- लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम जेनेटिक डिसीज है. इसमें दिल की धड़कनें कई बार बहुत तेज या कम हो जाती हैं. इससे भी कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है.
- ब्रुगाडा सिंड्रोम भी एक जेनेटिक डिसीज है. इसमें भी दिल की धड़कनें सही नहीं रहती हैं. हार्ट में सूजन और हार्ट की बनावट में अंतर रहता है. इससे भी कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है.
क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट?
कार्डिएक अरेस्ट में दिल एक झटके में काम करना बंद कर देता है. इससे दिल की धड़कनें बंद हो जाती हैं. बॉडी के अन्य अंगोें को ब्लड नहीं पहुंच पाता. पेशेंट जिस भी स्थिति में हो, वो वहीं गिर जाता है. ऐसे रोगी तुरंत इलाज की जरूरत है. सीपीआर देने के साथ ही एंबुलेंस बुला लें या तुंरत पेशेंट को नजदीकी अस्पताल ले जाएं. समय पर इलाज न मिलने पर कार्डियक अरेस्ट से मौत भी हो सकती है.
लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
कार्डियक अरेस्ट हो या हार्ट अटैक यह कुछ न कुछ लक्षण जरूर देते हैं. हार्ट अटैक के लक्षण तो कई महीने या साल पहले ही दिखने शुरू हो जाते हैं. जबकि कार्डिएक अरेस्ट एक झटके में आने वाला अरेस्ट है. इसके लक्षण कुछ मिनट पहले ही दिखने शुरू होते हैं. मसलन, शरीर में बैचेनी, पसीना, धड़कन बढ़ना, सीने में दर्द शामिल हैं. ऐसी कोई भी परेशानी लगने पर तुरंत नजदीक मौजूद व्यक्ति को बताएं. डॉक्टर से इलाज कराएं.
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