नई दिल्ली: 29 सितंबर का दिन ह्रदय दिवस के रूप में मनाया जाता है. शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ह्रदय की बीमारियों को आज भी सुलझा पाना मुश्किल माना जाता है.


स्टार हॉस्पीटल के डॉक्टर रमेश गुणपति का कहना है कि कोरोना काल में लोगों में बेहद तनाव, बेचानी, मानसिक रोग जैसे मामलों में तेज़ी से इजाफा हुआ है. वहीं ये भी देखा गया है कि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद लापरवाह बने हुए है. जब तक स्वास्थ पूरी तरह बिगड़ नहीं जाता वो डॉक्टर से नहीं मिलते है. ह्रदय के मरीज़ों में भी इस तरह की लापरवाही देखी गई है.


डॉक्टर का कहना है कि व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए अपना रेगुलर चेकअप कराते रहना चाहिए. विश्व ह्रदय दिवस 2020 का भी मकसत केवल यहीं है कि वो लोगों में उनके स्वास्थ्य को लकेर जागरूकता बना सके.


हार्ट अटैक के लक्षण बता कर नहीं आते है. वहीं, अगर कुछ महसूस भी हो तो लोग घंटो-घंटो घर पर बैठ उसे नज़रअंदाज करते है. जो कि जान लेवा हो सकता है. जल्द इलाज मिल जाए तो आपके शरीर और आपके लिए बेहतर साबित होता है.


उन्होंने बताया कि ह्रदय में खून के क्लोट बनने से हार्ट अटैक आ जाता है. जिस कारण मौत हो जाती है. छाती में दर्द, जलन जैसे कुछ लक्षण दिखते ही व्यक्ति को डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए.


लक्षण दिखने पर क्या किया जाए


1- अगर आप या आपके आसपास ऐसा कोई व्यक्ति जिसको लक्षण दिख रहें है, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.


2- किसी भी तरीके के भारी सामान को उठाने से बचे


3- उस दौरान गाड़ी खुद ना चलाए, किसी से मदद मांग अस्पताल पहुंचे


4- उस दौरान एसप्रिन टैबलेट को मुंह में रखें या चबा ले.


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