महाराष्ट्र में गुलियन बेरी सिंड्रोम का कहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. महाराष्ट्र में न केवल इस वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है बल्कि इससे मरने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 21 हो गई है. साथ ही यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में ये आंकड़ा बढ़ सकता है.
17 फरवरी को जिस व्यक्ति की मौत इस बीमारी से हुई है वह पुणे के वाघोली के रहने वाले थे. व्यक्ति को उस वक्त हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था जब उसे शरीर के विभिन्न अंगों में झुनझुनी की शिकायत थी. शरीर में झुनझुनी बढ़ने लगी जिसके बाद शरीर कमजोर पड़ने लगा. शारीरिक कमजोरी के बाद व्यक्ति को खाने-पीने में दिक्कत और सांस लेने में परेशानी होने लगी.
गुलियन बीमारी के लक्षण अचानक से दिखाई देते हैं
गुलियन-बैरी सिंड्रोम (GBS) एक गंभीर बीमारी है जो अचानक होती है जिसमें नसें सूजने लगती हैं. हमारे शरीर में माइलिन शीट नामक एक परत होती है जो नसों के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी होती है. इस सिंड्रोम के कारण डिमाइलिनेशन होने लगता है क्योंकि हमारा इम्यून सिस्टम नसों की उस सुरक्षात्मक परत पर हमला करना शुरू कर देता है. हमें बीमारियों से बचाने का काम करने वाला इम्यून सिस्टम हमारी माइलिन शीट पर हमला करता है. इससे कई नसें प्रभावित होती हैं, इसीलिए इसे AIDP भी कहते हैं.
गुलियन-बैरी सिंड्रोम होने पर शरीर में दिखने वाले बदलाव
गुलियन-बैरी सिंड्रोम के लक्षणों की बात करें तो सबसे पहले पैरों में कमजोरी शुरू होती है. यह कमजोरी शरीर में ऊपर की ओर बढ़ती है. सर्दी, खांसी या डायरिया जैसे किसी भी वायरल संक्रमण से यह शुरू हो सकता है. किसी भी सर्जरी और वैक्सीन से यह सिंड्रोम हो सकता है.जिसके बाद हमारा इम्यून सिस्टम हमारे ही शरीर पर हमला करता है. इसके लक्षण तेजी से फैलते हैं. हालांकि, अच्छी बात यह है कि ज्यादातर मामलों में. हफ्ते के अंदर चीजें स्थिर हो जाती हैं। लेकिन 20 फीसदी मामलों में मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ती है.
चलने में दिक्कत
हाथ-पैर हिलाने में दिक्कत
रीढ़ की हड्डी में कमजोरी
चेहरे के पक्षाघात के लक्षण
छाती की मांसपेशियों में कमजोरी
बोलने और खाने में दिक्कत
सांस लेने में दिक्कत
कमज़ोर नज़र
शरीर का संतुलन खोना
गुलियन-बैरी सिंड्रोम (GBS) बीमारी से कैसे करें बचाव?
गुलियन-बैरी सिंड्रोम (GBS) को आमतौर पर रोका नहीं जा सकता है, लेकिन आप स्वस्थ रहकर इसके जोखिम को कम कर सकते हैं. साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए और अपने हाथों को बार-बार धोएं, खासकर खाने से पहले अपने हाथों को धोएं क्योंकि बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा रहता है. पोषण फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज वाला स्वस्थ आहार खाएं व्यायाम अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें. फल-सब्जियां को खाने से पहले अच्छे तरीके से धोएं.
यह भी पढ़ें : श्रद्धा कपूर सा कर्वी फिगर पाने की है चाहत तो आज से ही फॉलो करें ये रूटीन
वैक्सीनेशन GBS को ट्रिगर करने वाले वायरस से बचाव के लिए सभी टीकों के साथ अपडेट रहें धूम्रपान और शराब से बचें धूम्रपान और शराब के दुरुपयोग से परहेज करने से प्रतिरक्षा तंत्र की दक्षता बढ़ जाती है चिकित्सा सहायता लें अगर आपको अचानक कमजोरी या झुनझुनी सनसनी का अनुभव होता है तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर से जांच करवाएं अगर आपको कोई इंफेक्शन है, या शरीर में पहले से किसी भी तरह का दर्द है तो फिजियोथेरेपी से मिलें और उनकी खास सलाह लें.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
यह भी पढ़ें: 'मुझे जीना ही नहीं है अब...' दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी