'आंखों के सामने रोशनी जैसा चमकना' यह आंख की एक बीमारी के शुरुआती लक्षण है. जिसमें आंखों के सामने एक तेज रोशनी जैसी चमकती है. दरअसल, किसी व्यक्ति को मोतियाबिंद होने पर उसके आंखों की रोशनी धीरे-धीरे चली जाती है. जिसकी वजह से उसे अपने आसपास की चीजें धुंधला दिखाई देने लगता है. एक वक्त आता है जिसके बाद वह अपनी देखने की क्षमता एकदम से खो देता है. आमतौर पर यह बीमारी उम्र ढलने के कारण शुरू होता है.


आपकी जानकारी के के लिए बता दें कि यह बीमारी 40 साल के बाद कभी भी किसी को भी हो सकता है. लेकिन इसके लक्षण धीरे-धीरे 60 साल की उम्र के बाद नजर आने लगते हैं. हालांकि मोतियाबिंद किसी को भी हो सकता है. ऐसे में सवाल यह है कि इस बीमारी से बचने के लिए क्या करना चाहिए? इस आर्टिकल के जरिए आपको बताएंगे मोतियाबिंद के शुरुआती लक्षण और इससे कैसे बचा जाए. इन सब के बारे में इस आर्टिकल में जिक्र करेंगे. 


धुंधला दिखना


आंखों में मोतियाबिंद होने सबसे आम लक्षण है धुंधला दिखना. हालांकि आजकल लोग अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त लैपटॉप और फोन पर बिता रहे हैं. जिसकी वजह से आंखें कमजोर हो रही हैं. मोतियाबिंद के कारण आंख की रोशनी कमजोर हो जाती है. इसके शुरुआत में ही पता लगाना थोड़ा मुश्किल है. अगर आपको किताब पढ़ने में दिक्कत हो रही है तो आपको सबसे पहले इसका चेकअप करना चाहिए. 


आंखों के सामने रोशनी का चमकना 


अगर किसी व्यक्ति को मोतियाबिंद होता है तो उसे हेडलाइट या स्ट्रीटलाइट जैसी रोशनी चमकती नजर आती है. जिसकी वजह से उसे परेशानी महसूस होती है. आंख बंद होने पर उसे असहज महसूस होता है. मोतियाबिंद होने पर कोई व्यक्ति दिन की रोशनी में बाहर निकलता है तो उसे असहजता महसूस होता है. सूरज की रोशनी आंखों में चुभती है. 


किसी चीज का रंग ठीक से न दिखना


किसी व्यक्ति को मोतियाबिंद है तो उसे रंग ठीक से दिखाई नहीं देती है. रियल कलर न दिखकर हर कलर हल्का नजर आता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मोतियाबिंद होने पर आंखों के नेचुरल लेंस खराब होने लगते हैं. आंखों के सामने हर चीजें ब्राउन या येलोइश नजर आती है. व्यक्ति
ठीक से कलर नहीं पहचान पाता है. कलर पहचानने में उसे दिक्कते होने लगती है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: दाद क्या एक इंसान से दूसरे में आसानी से फैल सकता है? जानें बरसात में इस बीमारी से बचने के उपाय