(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Health Tips: हाथ-पैर में झनझनाहट की क्या है वजह? जानिए इसके लक्षण और कैसे करें बचाव
अगर आपको हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है तो परेशान न हों, ये कोई गंभीर बीमारी नहीं है. हां कई बार शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ने से भी ये परेशानी हो सकती है. इसलिए अपना नियमित चेकअप जरूर करवाते रहें. आइये जानते हैं इसके कारण, लक्षण और बचाव.
कई बार लोगों को हाथ-पैरों में झनझनाहट (tingling in hand and feet) महसूस होती है. जिसकी वजह से पैर सो जाता है या कुछ समय तक करंट सा महसूस होता रहता है. हालांकि ये कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन मेडिकल में इसे पैरेस्थेसिया (Paresthesia) कहते हैं. इसका प्रभाव शरीर के कुछ अंग जैसे- पैर, उंगलियां, हाथ और तलवे में होता है. अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है. कहीं इसके पीछे कोई बड़ा कारण तो नहीं है. आइये जानते हैं.
हाथ-पैरों में झनझनाहट की वजह (tingling in hand and feet causes)
1 – कई बार शरीर को लंबे समय तक एक ही अवस्था में रखने से ऐसा हो सकता है.
2 - कमर या गर्दन की नस में कोई चोट लगने की वजह से
3- गठिया होने की वजह से भी हो सकती है समस्या
4- शरीर में पोटेशियम और कैल्शियम की कमी होने से
5- शरीर में किसी विटामिन की कमी होने की वजह से
6- कुछ दवाइयों की वजह से भी ऐसा होता है
7- शरीर में नसों पर ज्यादा प्रभाव पड़ने से भी हो सकता है
8 - किसी जानवर के काटने से भी होता है
9- धूम्रपान करने और ज्यादा शराब पीने से भी ऐसा होता है
10- कीमोथेरेपी के दौरान भी ऐसा हो सकता है
कभी कभी हाथ-पैरों में झनझनाहट की समस्या माइग्रेन, डायबिटीज, मिर्गी, थायराइड या स्ट्रोक की वजह से भी महसूस हो सकती है.
हाथ पैरों में झनझनाहट के लक्षण
हाथ-पैरों में झनझनाहट के वक्त आपको चुभन सी महसूस होगी. शरीर का कोई हिस्सा सुन्न पड़ जाएगा. शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होगी. शरीर ठंडा पड़ सकता है. इसके साथ ही हाथ-पैरों में झनझनाहट होना इसका मुख्य लक्षण हैं.
हाथ पैरों में झनझनाहट का इलाज
सबसे पहले आपको ये पता करना है कि आपको हाथ-पैरों में झनझनाहट किस वजह से हो रही है. अगर शरीर में किसी विटामिन की कमी से ऐसा हो रहा तो आपको डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लेने चाहिए. अगर ये समस्या किसी संक्रमण की वजह से हो रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. अगर आपको किसी दवा से ऐसा हो रहा है तो भी डॉक्टर को बताएं. अपना शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर भी चेक करवा लें. इसके अलावा अपने पॉश्चर और दिनचर्या पर ध्यान दें. नियमित रुप से एक्सरसाइज और योग करें.
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