नई दिल्लीः यूं तो स्मोकिंग एक खराब आदत है इससे हेल्थ को बहुत नुकसान पहुंचता है. लेकिन क्या आप जानते हैं बचपन में स्मोकिंग करने से बाद में कई गंभीर रोग हो सकते हैं. इन्हीं से एक है गठिया का रोग. हाल ही में आई रिसर्च में ये बात सामने आई है.



क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, बचपन में स्मोकिंग करने से या फिर स्मोकिंग करने वालों के संपर्क में अधिक रहने से युवावस्था में र्यूमेटॉइड आर्थराइटिस यानि गठिया होने का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल, र्यूमेटॉइड आर्थराइटिस एक क्रोनिक डिस्ऑर्डर है. आर्थराइटिस का ये प्रकार जोड़ों खासतौर पर हाथ और पैरों को प्रभावित करता है.

रिसर्च के नतीजे-
रिसर्च में पाया गया कि जो लोग बचपन में ही धूम्रपान करने लगे थे या फिर धूम्रपान करने वालों के साथ अधिक रहे उनमें र्यूमेटॉइड आर्थराइटिस होने का खतरा 1.73% अधिक था.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
फ्रांस की यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स ऑफ साउथ पेरिस की प्रोफेसर और रिसर्च की प्रमुख लेखिका रैफैले सेरर का कहना है कि जिन परिवारों में पहले से र्यूमेटॉइड आर्थराइटिस की समस्या है, वहां बच्चों को धूम्रपान रहित माहौल में रखना चाहिए.

स्मोकिंग से कई और बीमारियां भी-
इस रिसर्च के अलावा एक अन्य रिसर्च में भी पाया गया है कि स्मोकिंग करने वाले लोगों में रीढ़ की हड्डी के ढांचे संबंधी बीमारी अंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस होने की आशंका भी होती है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, स्मोकिंग के कारण कई नई गैरजरूरी हड्डियों बनने लगती है. यह बीमारी सिंडेसमोफाइटिस कहलाती है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि धूम्रपान के कारण ना सिर्फ मरीज बेहद सेंसेटिव हो जाता है बल्कि ऐसे मरीजों में बीमारी तेजी से बढ़ने भी लगती है. इस रिसर्च को यूरोपियन कांग्रेस ऑफ र्यूमेटोलॉजी (यूलार) 2017 की एनुअल रिपोर्ट में पब्लिश किया गया था.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.