जब किसी को बुखार होता है तो वह अपने और भी कई तरह की बीमारी लेकर आती है. जैसे सिर दर्द, शरीर में दर्द आदि. बुखार को ठीक करने के लिए अक्सर हम क्रोसिन, पैरासिटामोल, डोला, सुमो, कालपोल का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या प्रेग्नेंसी के दौरान भी इन दवाईयों का इस्तेमाल कर सतते हैं. कहीं यह बच्चे के लिए खतरनाक तो साबित नहीं होगा. प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाएं तो बिना डॉक्टर से पूछे दवा नहीं खाती हैं लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो बिना सोचे समझे धड़ल्ले से पैरासिटामोल खा लेती हैं. आज हम आपको अपने आर्टिकल के जरिए यह बताने की कोशिश करेंगे कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल खाना सही है या नहीं?
पैरासिटामोल खाने से बच्चे के शरीर पर पड़ता है ऐसा असर
रिसर्च के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान पैरासिटामोल इसलिए नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह प्लेसेंटा के बैरियर को पार कर लेता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह भ्रूण को काफी ज्यादा नुकसान भी पहुंचाता है. इसका सीधा असर बच्चे के विकास पर भी होता है. और बच्चा का लिवर भी खराब कर सकता है. पैरासिटामोल खाने से बच्चों का रिप्रोडक्टिव और यूरोजेनाइटल डिसॉर्डर का जोखिम भी बढ़ा देता है. इस बीमारी में बच्चे का पेशाब करने का रास्ता ठीक से खुलता नहीं है.
बच्चे में आईक्यू की कमी
एनसीबीआई के जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान पैरासिटामोल खाने से भ्रूण पर गंभीर असर पड़ता है. हालांकि इस पूरे रिसर्च में यह कहीं भी नहीं मिला कि पैरासिटामोल खाने वाली महिला का बच्चा प्रसव से पहले हो जाता है. लेकिन कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल खाना चाहिए या नहीं इसे लेकर अब तक कई रिसर्च हो चुकी है. डेली मेल में छपी खबरे क मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा पैरासिटामोल का इस्तेमाल आपके भ्रूण के लिए कई तरह की मुश्किलें हो सकती है. रिसर्च के मुताबिक ज्यादा पैरासिटामोल के इस्तेमाल से बच्चे में अटेंसन डेफीसिट हाइपरएक्टिविटी डिर्सोडर, ऑटिज्म, लैंग्वेज और आईक्यू की दिक्कत हो सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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