Celiac Disease : अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग गेहूं से बनी चीज खाने पर बीमार हो जाते हैं. पेट में दर्द ,गैस, कब्ज, ब्लोटिंग जैसी समस्याएं हो जाती है. वहीं कुछ लोगों को एलर्जी भी हो जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसे लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है. ग्लूटेन से एलर्जी होने वाली इस बीमारी को मेडिकल टर्म में सीलिएक रोग कहते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से कि आखिर ये बीमारी होती क्यों है और इसमें और कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
क्या है सीलिएक रोग (Celiac Disease)
सीलिएक रोग एक ऑटोइम्यून स्थिति है. ग्लूटेन जब हमारी आंतों में पहुंचता है (गेहूं और राई जैसे अनाज में प्रोटीन के समूह के लिए ग्लूटेन एक सामान्य नाम है) तो ये इम्यूनिटी के खिलाफ एंटीबॉडी के उत्पादन को ट्रिगर करना शुरू कर देता है. यह एंटीबॉडी छोटी आंत की परत डैमेज करती है. जब आंत की परतों को नुकसान पहुंचता है तो इससे भोजन से पोषक तत्व का अवशोषण प्रभावित होने लगता है. जिससे शरीर में पोषण की कमी हो जाती है. आमतौर पर यह रोग उन्हीं लोगों को होता है जिसके परिवार में कभी किसी को यह समस्या रही हो यानी कि यह व्यक्ति के जीन पर निर्भर करती है. सीलिएक रोग दुनिया भर में 100 में से लगभग एक व्यक्ति को प्रभावित करता है और कई बार तो लोगों को इस बात का पता ही नहीं होता. जब आप ग्लूटेन फ्री फूड का सेवन ज्यादा करना शुरू कर देते हैं तो इसके लक्षण विकसित होने लगते हैं यह 8 से 12 महीने की उम्र से लेकर 60 की उम्र के बीच वाले व्यक्ति में कभी भी विकसित हो सकता है.
सीलिएक रोग (Celiac Disease) के लक्षण
- दस्त की समस्या होना
- थकान हो जाना
- बिना मेहनत किए वजन घटने लगना
- पेट में सूजन
- गैस बनना
- पेट में दर्द होना
- कब्ज की समस्या होना
- मतली और उल्टी की समस्या होना
- सिर दर्द
- त्वचा पर एलर्जी
सीलिएक के लिए उपचार
जब सीलिएक रोग होता है तो प्रतीक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है और आप कई बीमारियों से घिर सकते हैं. ऐसे में अगर आप सामान्य लक्षण में डॉक्टर की सलाह नहीं लेते तो यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है. अगर आपको भी उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. अपनी डाइट में ग्लूटेन युक्त चीजें को ना जोड़ें इसके साथ ही अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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