Myths VS Facts: क्या गर्भनिरोधक गोलियां खाने से सर्वाइकल कैंसर हो सकता है? जानें क्या है पूरा सच
Myths VS Facts: सर्वाइकल कैंसर और HPV के बीच क्या है खास कनेक्शन, साथ ही जानेंगे क्या गर्भनिरोधक गोलियां खाने से सर्वाइकल कैंसर हो सकता है?
मेडिकल साइंस में हर दिन कुछ नए काम हो रहे हैं सर्वाइकल कैंसर ऐसे कैंसरों में से एक है जिसका इलाज संभव है. सर्वाइकल कैंसर का समय पर पता लग जाए तो इसका इलाज संभव है. सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक सर्वाइकल कैंसर और HPV के बीच कनेक्शन को समझना है. इंडिया टीवी में छपी खबर के मुताबिक आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की गायनोकोलॉजी की चेयरपर्सन डॉ. रूपिंदर सेखों ने बताते कि सर्वाइकल कैंसर और HPV के बीच कनेक्शन के बारे में हर व्यक्ति ये बातें जरूर जानना चाहिए.
1. HPV सर्वाइकल कैंसर के कारण है
सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले HPV संक्रमण के कारण होते हैं. HPV एक आम यौन संचारित संक्रमण है और ज़्यादातर संक्रमणों के विपरीत जो अपने आप ठीक हो जाते हैं. यह सर्वाइकल सेल परिवर्तन का कारण बन सकता है जिसके परिणामस्वरूप कैंसर हो सकता है.
2. सभी HPV स्ट्रेन खतरनाक नहीं होते
HPV के 200 से ज़्यादा प्रकार हैं. जबकि कुछ मस्से पैदा करते हैं. केवल 14 उच्च जोखिम वाले प्रकार सर्वाइकल कैंसर से जुड़े हैं. HPV-16 और HPV-18 दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 70% मामलों के लिए मुख्य रूप से ज़िम्मेदार हैं.
3. टीकाकरण से ज़्यादातर मामलों को रोका जा सकता है
HPV वैक्सीन वायरस के सबसे खतरनाक स्ट्रेन से सुरक्षा प्रदान करती है. जिससे सर्वाइकल कैंसर का जोखिम काफ़ी हद तक कम हो जाता है. यह सबसे ज़्यादा प्रभावी ढंग से तब काम करता है जब इसे HPV के संपर्क में आने से पहले दिया जाता है. खासकर किशोरावस्था में.
4. नियमित जांच से सर्वाइकल कैंसर को काफ़ी हद तक रोका जा सकता है
नियमित जांच से सर्वाइकल कैंसर को रोकने में काफ़ी मदद मिलती है. पैप स्मीयर और एचपीवी परीक्षण गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर से पहले के बदलावों का पता लगा सकते हैं. जिससे समय रहते पता लगाने और आगे समय पर इलाज की सुविधा मिलती है. महिलाओं को अपने 20 के दशक की शुरुआत से या अपने चिकित्सक द्वारा सुझाए अनुसार नियमित जांच शुरू कर देनी चाहिए.
5. एचपीवी बहुत आम है
अधिकांश यौन रूप से सक्रिय व्यक्तियों को अपने जीवन में किसी न किसी समय एचपीवी होने की संभावना होती है. लेकिन उनमें से अधिकांश को कभी भी लक्षण अनुभव नहीं होंगे. एक मजबूत इम्युनिटी प्रणाली आमतौर पर दो साल के भीतर वायरस को अपने आप साफ कर सकती है.
6. लाइफस्टाइल के कारण इस कैंसर का जोखिम बढ़ता है
धूम्रपान और गर्भ निरोधक गोलियां लगातार खा रहे हैं तो 100 प्रतिशत तो नहीं लेकिन यह भी सही है कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाती है. एचपीवी संक्रमण के बाद गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं. एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से यह जोखिम कम हो सकता है.
गर्भनिरोधक गोली ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को थोड़ा बढ़ा देती है. लेकिन यह ओवेरियन और गर्भाशय के कैंसर के जोखिम को कम करती है. गर्भनिरोधक गोली गर्भावस्था (जन्म नियंत्रण) को रोकने का एक प्रभावी तरीका है. आपका डॉक्टर गोली लिख सकता है और आपको यह तय करने में मदद कर सकता है कि आपके लिए क्या सही है. याद रखें, ऐसी दूसरी चीजें भी हैं जो गोली से ज़्यादा आपके कैंसर के जोखिम को प्रभावित कर सकती हैं.
गर्भनिरोधक गोली क्या है?
गर्भनिरोधक गोली को 'गोली' के नाम से भी जाना जाता है. यह यू.के. में जन्म नियंत्रण का एक आम तरीका है. गर्भनिरोधक गोली गर्भावस्था को रोकने के लिए मुंह से ली जाती है. शरीर में मौजूद हॉरमोन मासिक धर्म चक्र (पीरियड्स) को नियंत्रित करते हैं. गोली इन हॉरमोन के स्तर को बदलकर गर्भावस्था को रोकती है. गर्भनिरोधक गोली के दो मुख्य प्रकार हैं. जिनके बारे में आप NHS वेबसाइट पर अधिक पढ़ सकते हैं. इस गोली में 2 हॉरमोन होते हैं. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोजेन.
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मिनी गोली (जिसे प्रोजेस्टोजेन-ओनली गोली या POP भी कहा जाता है). इस गोली में केवल प्रोजेस्टोजेन होता है. अन्य प्रकार के हॉरमोनल गर्भनिरोधक भी उपलब्ध हैं. इनके और कैंसर के जोखिम के बारे में बहुत कम सबूत हैं. आपका GP आपको विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधक के बारे में अधिक जानकारी दे सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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