Cervical Cancer Symptoms: आजकल की लाइफ स्टाइल के हिसाब कैंसर एक आम रोग बन गया है. यह किसी भी व्यक्ति को और किसी भी ऑर्गन में हो सकता है. कैंसर से बचाव के लिए इसके लक्षणों की जानकारी होना बहुत जरूरी है. सर्वाइकल ऐसे ही प्रमुख कैंसर में से एक है. ये कैंसर महिलाओं को अपनी गिरफ्त में लेता है. दुखद यह है कि इस कैंसर के होने के जो आंकड़ें हैं, वो बेहद भयावह है.

 

महिलाओं में यदि कोई कैंसर प्रमुख होता है तो ये कैंसर उनमें से एक है. ऐसे में इस कैंसर से बचाव के लिए सबसे जरूरी इसका टीकाकरण और इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना है. लेकिन हाल में जो सर्वाइकल कैंसर को लेकर स्टडी सामने आई है. वो बेहद भयावह है. आंकड़ों में अनुसार सर्वाइकल कैंसर की चपेट में आकर दुनिया भर में महिलाएं बहुत कम समय में दम तोड़ रही हैं. 

2275 महिलाओं पर किया परीक्षण


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केन्या में महिलाओं और सर्वाइकल कैंसर को लेकर की गई स्टडी की गई. स्टडी में सामने आया कि वैक्सीन की पहली डोज के 18 महीने के बाद भी बाईवलेन्ट टीके एचपीवी के दो स्ट्रेन के खिलाफ 97.5 प्रतिशत तक प्रभावी मिले. शोध में सामने आया कि नोबाईवलेंट टीके एचपीवी के खिलाफ 7%तक प्रभावी रहे. 


सिंगल डोज भी प्रभावी


जर्नल एनईजेएम में एक स्टडी पब्लिश की गई. स्टडी में सामने आया कि एचपीवी के टीके की एक डोज भी काफी प्रभावी है. यह उसके स्ट्रेन से काफी हद तक बचा सकती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि बड़ी संख्या में महिलाओं को सिंगल डोज लगा दी जाए तो वो भी प्रभावी है.


15 प्रतिशत महिलाओं को ही लग रहा टीका


एचपीवी का टीका लगा देने के आंकड़े भी बहुत खराब हैं. रिपोर्ट के अनुसार,केवल 15% महिलाओं को ही एचपीवी का टीका लग सका है. WHO का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 15 साल तक की 90% लड़कियों को एचपीवी का टीका लगाना है. इससे कैंसर के बचाव में मदद मिलेगी.