Cervical Cancer Vaccine: कैंसर का जानलेवा बीमारी माना जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर के जानलेवा होने के पीछे वजह है. प्राइमरी स्टेज में कैंसर होने की जानकारी नहीं हो पाती है और जबतक इसकी पहचान हो पाती है. तब तक काफी देर हो चुकी होती है. कैंसर के लक्षणों की त्वरित पहचान, इलाज ही इससे बचाव का बेहतर उपाय है. महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर समस्या के रूप में देखा जाता है. भारत ही नहीं, दुनिया में काफी संख्या में महिलाएं और लड़कियां इसकी चपेट में हैं. इस कैंसर से बचाव के लिए भारत सरकार के स्तर से अब बड़ी पहल की जा रही है.
देश के 6 राज्यों में चलेगा टीकाकरण अभियान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार सर्वाइकल कैंसर के इलाज को लेकर गंभीर है. देश के 6 राज्यों में नौ से 14 साल की वर्ष की लड़कियों को सवाईकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान जून से शुरू कर सकती है. टीकाकरण के पहले चरण में जिन राज्यों का चयन किया गया है. उनमें कर्नाटक, तमिलनाडु, मिजोरम, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश शामिल है.
2.55 करोड़ लड़कियों को लगेगा एचपीवी का टीका
केंद्र सरकार के स्तर से सभी 6 राज्यों में वृहद स्तर पर टीकाकरण की तैयारी की गई है. सभी राज्यों में 2.55 करोड़ लड़कियों को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस टीके को लगने के बाद सर्वाइकल कैंसर से बचाव हो सकेगा.
16 करोड़ टीका खरीदा को अप्रैल में होगा टेंडर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम संचालित है. इसमें एचपीवी टीके को शामिल करने की योजना तैयार की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम में एचपीवी टीके को शामिल किया जाएगा. खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार 2026 तक टीके की 16.02 करोड़ डोज खरीदेगी. इसके लिए विश्व स्तरीय टेंडर अप्रैल महीने में जारी किया जाएगा.
टीका भी हो चुका है लांच
सर्वाइकल से बचाव के लिए भारत सरकार और विभिन्न संस्थाएं जुटी हुई हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ने सवाईकल कैंसर से बचाव के लिए स्वदेशी टीका विकसित किया है. सर्वावैक नामक टीके को पिछले महीने ही लांच किया गया है. सीरम का टीका मार्केट में 2000 रुपये प्रति डोज के हिसाब से उपलब्ध है. सर्वावैक दो डोज वाली वैक्सीन है. सीरम की ओर से इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी पत्र लिखा गया है.
हर साल 35 हजार महिलाओं की हो जाती मौत
सर्वाइकल कैंसर की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में हर साल करीब 80 हजार महिलाएं इस कैंसर की चपेट में आती हैं, जबकि 35 हजार महिलाएं दम तोड़ देती हैं. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार यह बड़ा कदम उठाने जा रही है.
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