Cervical Pain: डेस्क जॉब वालों को बहुत सताता है ये दर्द, ये हैं बचाव के उपाय
What is Cervical Pain: सिटिंग जॉब में लगातार कई घंटे बैठकर काम करने वाले लोगों को सबसे अधिक सर्वाइकल पेन की समस्या होती है. युवा तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं.
Cause of Cervical Pain: सर्वाइकल पेन, एक ऐसा दर्द जो गर्दन से शुरू होता है और मुख्य रूप से यह गर्दन का ही दर्द (Neck pain) है. लेकिन जब इसकी स्थिति गंभीर हो जाती है तो यह कंधे से होता हुआ पूरे हाथ में होता है (Shoulder pain). यह उंगलियों तक भी पहुंच सकता है और कंधे से नीचे कमर तक के एरिया को अपनी गिरफ्त में ले सकता है. सर्वाइकल पेन का दर्द जो लोग झेलते हैं या झेल चुके हैं, वे इस दर्द के कारण होने वाली तीखी चुभन का अहसास बखूबी समझते हैं. इतनी तेज चुभन होती है मानों नसों में कोई करंट दौड़ गया हो या कोई स्पार्क हुआ हो.
क्यों होता है सर्वाइकल पेन?
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस या सर्वाइकल पेन, सर्वाइकल स्पाइन (गर्दन) में उम्र से संबंधित टूट-फूट के लिए एक सामान्य शब्द है, जिससे गर्दन में दर्द, गर्दन में अकड़न और अन्य लक्षण हो सकते हैं. कभी-कभी इस स्थिति को गठिया या गर्दन के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है. हमने यहां बताया कि यह उम्र से संबंधित है. क्योंकि इसका वास्तविक स्वरूप यही है कि कुछ दशक पहले तक यह बड़ी उम्र के लोगों में हुआ करता था.
लेकिन लाइफ में बढ़ी निष्क्रियता और एक जगह बैठकर घंटों काम करने के तरीकों के चलते यह दर्द युवाओं के जी का जंजाल बन चुका है. कंप्यूटर, लैपटॉप पर घंटों व्यस्त रहने वाले 18 से 25 साल की उम्र के युवाओं में भी यह दर्द बहुत तेजी से बढ़ रहा है.
सर्वाइकल पेन के लक्षण
- गर्दन में जकड़न, दर्द, दुखन
- गर्दन में सूजन और दर्द
- गर्दन की मांसपेशियों में दर्द
- गर्दन घुमाते समय दर्द के साथ एक आवाज होना
- चक्कर आना
- सिर दर्द होना
- लगातार जी मिचलाना
सर्वाइकल पेन का इलाज
सर्वाइकल पेन का कोई ऐसा पुख्ता इलाज नहीं है कि जिसे एक बार कराने के बाद आपको यह समस्या कभी ना हो. यदि यह उम्र के साथ हुआ है तो आपको दवाओं के माध्यम से ट्रीट किया जाता है. यदि यह लाइफस्टाइल के कारण, सिटिंग जॉब के कारण हुआ है तो शुरुआत में दवाओं के जरिए इसे ट्रीट करने के बाद आपको अपने सिटिंग पोश्चर में बदलाव, काम के बीच में ब्रेक लेने की सलाह और नियमित रूप से एक्सर्साइज,वॉक, रनिंग, स्किपिंग करने की हिदायत दी जाती है.
अपने मर्जी से पेन किलर्स खाकर इस दर्द को कंट्रोल करने का प्रयास ना करें. इससे दर्द में कुछ समय की राहत जरूर मिल सकती है लेकिन किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है. डॉक्टर की देखरेख में ही इलाज करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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