भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सब इतना बिज़ी हो चुके हैं कि खुद से जुड़ी चीजों पर ध्यान देना बंद कर दिया है. अक्सर कोई भी हेल्थ दिक्कत को हम ये बोलकर टाल देते है कि ये कुछ दिन में ठीक हो जाएगी. लेकिन हम ये नहीं सोचते कि आज जो समस्या हम टाल रहें हैं वो आगे चलकर क्या रिजल्ट देगा. कुछ ऐसा ही सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (Cervical Spondylosis) के साथ भी होता है, जिसकी शुरुआत गर्दन के दर्द से शुरु होती है और आगे चलकर यह गंभीर रूप ले लेती है.


सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक गंभीर समस्या है जो हमारी गर्दन के पीछे रीढ़ में देखने को मिलती है. इसमें गर्दन का दर्द काफी परेशान कर सकता है. सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस गर्दन में स्पाइनल डिस्क बढ़ने के साथ होने वाली समस्या है. इस स्थिति में जैसे-जैसे आपकी डिस्क डिहाइड्रेट होती है और सिकुड़ने लगती है, तो ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं. यह बहुत आम समस्या है और उम्र बढ़ने के साथ अधिक गंभीर हो जाती है.


85% लोगों में जिनकी 60 से अधिक उम्र है यह समस्या देखने को मिलती है. आमतौर पर कुछ लोग पेन किलर्स दवाएं लेकर दर्द से छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं, साथ ही कुछ घरेलू उपाय भी ट्राई करते हैं जैसे सिकाई, मालिश आदि. आइए जानते हैं कि सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होने का क्या कारण हो सकता है और इसके क्या लक्षण होते हैं. 


क्या है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस?


सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक गंभीर बीमारी है जिसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन आ जाती है. यह बीमारी मुख्य रूप से गर्दन में स्थित सर्वाइकल स्पाइन को प्रभावित करती है. इसे सर्वाइकल ऑस्टियोअर्थराइटिस और गर्दन के गठिया के रूप में भी जाना जाता है. इस बीमारी में गर्दन की हड्डी, रीढ़ की हड्डी और डिस्क सबसे ज्यादा प्रभावित होती है. 


सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होने के कारण 


सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की शिकायत अक्सर उन लोगों में ज्यादा होती है जो दिन भर गर्दन झुकाकर लंबे समय तक काम करते हैं. सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होनो के और भी कारण हो सकते हैं जैसे-


1. मोटापा 
2. भारी वजन उठाना 
3. गर्दन पर लगी कोई पुरानी चोट 
4. रीढ़ की सर्जरी
5. लगातार झुक कर लंबे समय तक काम करना


सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण


1. गर्दन में दर्द और खिंचाव होना.
2. ऐसा दर्द जो आपके कंधे से लेके उंगलियों तक जाता है. 
3. उंगलियों सुन्न या चुभन जैसी सेंसेशन महसूस होना.
4. लगातार सिर में दर्द और भारीपन महसूस करना.
5. छींकने, खांसने और हंसने के दौरान गर्दन और पीछे की ओर दर्द होना.
6. खड़े होने या बैठने के बाद दर्द होना, खासकर रात में तेज दर्द होना
ये सभी लक्षण सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होने पर दिखाई देते हैं, अगर आप भी इस तरह के लक्षणओं को नोटिस कर रहे हैं तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 


सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के घरेलू इलाज 


1. हल्दी- एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर रात में सोने से पहले जरूर पीएं. 


2. लहसुन- रोजाना 2-3 लहसुन की कलियां चबाएं. 


3. तिल के बीज-  एक बड़ा चम्मच तिल का तेल लें और इसे दर्द वाली जगह पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें. इसके बाद दर्द वाले स्थान पर एक गर्म कंप्रेस से सिकाई करें. जल्द राहत पाने के लिए रोजाना 3 से 4 बार इस विधि को कर सकते हैं. 


4. अदरक- एक कप पानी में पिसा हुआ अदरक मिलाकर उसे उबाल लें और ठंडा करके पिएं. यह प्रक्रिया आप प्रतिदिन कर सकते हैं. 


सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से बचने के उपाय 


1. नियमित रूप से व्यायाम करें.
2. धूम्रपान से बचें.
3. सही पोजीशन में बैठें और लेटें.
4. वजन उठाते समय सावधान रहें.
5. स्वस्थ आहार का सेवन करें.
6. अपना वजन नियंत्रित रखें.
7.. अल्कोहल का सेवन न करें.
8. पर्याप्त आराम करें.


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