Navratri Fasting Benefits: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) शुरू होने वाला है. 9 दिनों तक देवी मां की पूजा-अर्चना की जाती है. घरों में कलश की स्थापना की जाती है. इस 9 दिन व्रत भी रखा जाता है. माता दुर्गा की आराधना के लिए भक्त दिन-रात फलाहार व्रत रखते हैं. इससे आध्यात्मिक लाभ तो मिलता ही है, आप सेहतमंद भी रहते हैं. नवरात्रि में व्रत (Navratri Fasting Benefits) रखने के फायदे ही फायदे होते हैं. बॉडी अच्छी तरह डिटॉक्स होती है, इम्यूनिटी बढ़ता है और चेहरा भी खिला-खिला रहता है. आइए जानते हैं नवरात्रि में व्रत रखने से हेल्थ को क्या-क्या बेनिफिट्स होते हैं..
गठिया, अस्थमा, एलर्जी से आराम
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर कोई 9 दिनों तक व्रत रहता है तो शरीर में सूजन की समस्या कम होती है. इससे गठिया, अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्याओं से भी आराम मिलता है.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल
नवरात्रि फास्टिंग के दौरान ब्लड प्रेशर मेंटेन रहता है. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान लोगों को काफी राहत मिलती है. उनका शुगर लेवल कम होता है और वे हेल्दी होते हैं.
हार्ट डिजीज से आराम
नवरात्रि में व्रत रहने से हार्ट की सेहत दुरुस्त होती है. उपवास के दौरान ब्लड लिपिड प्रोफाइल में सुधार और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर हार्ट डिजीज का खतरा कम करते हैं.
उम्र लंबी होती है
कई रिसर्च में पाया गया है कि व्रत रहने से उम्र लंबी होती है. लाइफ हेल्दी बनती है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं समाप्त होती है. चूंकि नवरात्रि का व्रत 9 दिनों का होता है, इसलिए व्रत रखने से कई फायदे होते हैं.
नींद बेहतर होती है
नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने से सर्केडियन रिदम को रेगुलेट कर मेलाटोनिन प्रोडक्शन में सुधार करता है. जिससे नींद अच्छी होती है और आप आरामदायक नींद पाते हैं. जिसकी वजह से सेहत बेहतर बनती है.
कैंसर, अल्जाइमर का जोखिम कम होता है
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवरात्रि में व्रत रहने से पुरानी बीमारियों का जोखिम कम होता है. कैंसर, अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियों का खतरा भी न के बराबर होता है.
पेट की सेहत अच्छी होती है
नवरात्रि में व्रत रहने से पेट की सेहत को काफी फायदा होता है. उपवास में सही डाइट की वजह से पाचन क्रिया अच्छी होती है. आंत में सूजन जैसी समस्याएं कम हो जाती हैं.
आध्यात्मिक फायदे
यह भी कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान उपवास करने से आध्यात्मिक फायदे बी होते हैं. इस दौरान मन और शरीर पूरी तरह शुद्ध होता है और पूजा-पाठ से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.
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