दाल, चना और बीन्स को बनाने से पहले कितनी देर भिगोना चाहिए? जानें यहां सही जवाब
इंडियन किचन में दाल या किसी भी बिन्स की सब्जी बनाने से पहले उसे पानी में भिगोकर रख दिया जाता है. ऐसा इसलिए भी किया जाता है कि ताकि वह ठीक से पक जाए.
खासकर हमारे इंडियन किचन में दाल या किसी भी बिन्स की सब्जी बनाने से पहले उसे पानी में भिगोकर रख दिया जाता है. ऐसा इसलिए भी किया जाता है कि ताकि वह ठीक से पक जाए. ठीक उसी तरह नट्स और ड्राई फ्रूट्स खाने से पहले उसे पानी में भिगोकर रख दिया जाता है. लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं कि किस दाल या बिन्स या ड्राई फ्रूट्स को कितने देर तक भिगोना चाहिए? कुछ लोग कहते हैं कि खाने से एक घंटे पहले भिगोकर रख दें. तो वहीं कुछ लोग कहते हैं कि 6-8 घंटे या पूरी रात भिगोकर रखने की सलाह देते हैं. आज हम बात करेंगे कि बिन्स, दाल या ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर रखने का सही समय क्या है? आज इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे किस फूड्स को कितनी देर पानी में भिगोना चाहिए.
पोषण विशेषज्ञ जूही कपूर ने अपने हालिया इंस्टाग्राम रील में सभी किस्मों को भिगोने का सही वक्त शेयर किया है. पकाने में आसान और इसलिए भिगोने का समय 4-6 घंटे जितना छोटा हो सकता है. जैसे पीली मूंग दाल, चना दाल, उड़द दाल, तुवर दाल आदि.
दाल, चना और बीन्स को कितनी देर भिगोना चाहिए
स्प्लिट दालें
स्प्लिट दालें यानि मूंग, चना दाल, उड़द दाल, तूर दाल आसानी से पक जाती है. इसे पकाने में सिर्फ 4-6 घंटे का वक्त लगता है. इस साबुत दाल को आप आसानी से पका सकते हैं.
साबुत दालें
साबुत दालें यानि पूरी साबुत जैसे- लोबिया, हरी मूंग दाल, कुलथी, मोठ जैसी छोटी दालें आदि. इस बनाने से 6-8 घंटे पहले पानी में भिगोकर रख दिया जाता है. इन्हें आसानी से अंकुरित भी किया जा सकता है.
बीन्स और चने
सोयाबीन, किडनी बीन्स, बंगाल चना, ब्लैक बीन्स जैसी बड़ी फलियां हैं. जो आकार में बड़ी और सख्त होती हैं. उन्हें बनाने से पहले 8-10 घंटे से पहले पानी में भिगोना चाहिए.
दाल, राजमा और चना को भिगोना क्यों है जरूरी?
दाल, राजमा और चना को पानी में भिगोकर बनाने से एक तो जल्दी बना जाता है और इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी से भी बचा जा सकता है.
पानी में भिगोकर बनाने से इसे पचाने में आसानी होती है. कई स्टडी में इस बात का खुलासा भी किया गया है कि दाल और फलियां में मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स आराम से निकल जाते हैं. साथ ही साथ यह भी कहा जाता है कि भीगी दाल और फलियां खाने से ब्लोटिंग और पाचन संबंधी समस्याएं कम हो जाती हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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