नई दिल्ली: 9/11 के हमले को लोग आज तक नहीं भूले हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इस हमले का असर अभी तक है. जी हां, 9/11 का आतंकी हमले का लोगों की सेहत पर अब असर हो रहा है. जानिए, क्या है माजरा.


क्या है मामला-
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के हमले के बाद उसके राख और मलबे के कारण बच्चों पर 16 साल बाद इसका असर हुआ है और बच्चों को हार्ट की समस्या हो रही है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में आई रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.


कैसे की गई रिसर्च-
एनवाईयू लैंगोन हेल्थ ने 308 युवा लोगों का विश्लेषण किया है, इनमें से लगभग आधे लोगों ने हमले के दौरान डाउनटाउन स्कूलों में भाग लिया था. स्टडी में पाया गया कि इनमें से 123 बच्चों में 15 पर्सेंट तक उनके ब्लड में आर्टरी हार्ड फैट का लेवल बढ़ गया है.


बढ़ रहा है कार्डियोवस्कुलर रिस्क-
अटैक के समय कोई भी इस बात को नहीं जानता था कि खतरनाक कैमिकल हवा में मौजूद रहकर डस्ट के रूप में अब लोगों को परेशान करेगा. स्टडी में ये पाया गया कि 16 साल बाद इस डस्ट के संपर्क में आए बच्चों में लंबे समय तक रहने वाला कार्डियोवस्कुलर रिस्क बढ़ रहा है. ये अपने आप में पहली रिसर्च है.


पिछले साल माउंट सिनॉय वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हेल्थ प्रोग्राम की रिपोर्ट में पाया गया कि 9/11 अटैक के कारण 5400 कैंसर के मामले सामने आए हैं.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
रिसर्च की प्रमुख शोधकर्ता लियोनार्डो ट्रेसन का कहना है कि हमने उस दौरान सिर्फ मेंटल और साइक्लोजिकल ट्रेजडी पर ध्यान दिया था लेकिन अब इसके फीजिकल परिणाम भी देखने को मिल रहे है.


इस कैमिकल का हुआ था इस्तेमाल-
9/11 अटैक में हवा को दूषित करने वाले कैमिकल परफ्लूरोक्टेनोइक एसिड (PFOA) का इस्तेमाल हुआ था. जिसका 2014 तक प्लास्टिक को फ्लैक्सिबल बनाने के लिए इसतेमाल किया जाता था. 2014 में इस कैमिकल के कारण बर्थ डिफेक्ट देखे गए तो इसका इस्तेमाल बंद कर दिया गया.


हालांकि शोधकर्ता सलाह देते हैं कि बच्चे डायट का ध्यान रखकर और एक्सरसाइज से हार्ट डिजीज़ को रोक सकते हैं.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.