आयुर्वेद में नीम को कमाल की औषधि माना गया है. कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में इसका इस्तेमाल कारगर माना गया है.


नीम एक ऐसा पौधा है जिसका प्रत्येक भाग स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में काम आता है. नीम के पत्ते, टहनियां, छाल, बीज फल या फूल का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक उपाचार विभिन्न बिमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है.


आज हम आपको नीम के पत्तों को रोज चबाने के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. आयुर्वेद के अनुसार, नीम का पत्ता, हमारे वात या न्यूरोमस्कुलर विकारों को संतुलित करने में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.


इम्यून सिस्टम
नीम के पत्ते एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं. इन्हें चबाने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है.  यह पत्ते मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं, जिससे आम फ्लू से लेकर कैंसर या हृदय रोग जैसी कई बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. नीम के पत्ते बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं और आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकती हैं.


पाचन में सुधार करती हैं
लीवर के लिए नीम के पत्तों को बहुत अच्छा माना गया है. यह पाचन को स्वचालित रूप से बढ़ाता है. प्रत्येक दिन नीम का सेवन आंतों के क्षेत्र में मौजूद अतिरिक्त बैक्टीरिया को खत्म करता है और आपके बृहदान्त्र को साफ करता है. इससे आपको पाचन को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती हैं.


स्किन
स्किन के लिए नीम बहुत लाभकारी माना गया है. नीम के पत्तों का सेवन विषाक्त पदार्थों को दूर कर सकता है. नीम के पत्तों के सेवन से रक्त शुद्ध होता है जिससे हमें शुद्ध स्किन मिलती है.


नीम के पत्तों में मजबूत एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण, जलन और त्वचा की किसी भी तरह की समस्याओं को दूर करने में बहुत असरदार होते हैं.  कीड़े के काटने, खुजली, एक्जिमा, रिंग कीड़े और कुछ हल्के त्वचा रोगों के इलाज के लिए नीम के पत्तों और हल्दी के पेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है.



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