Chiken Side Effects For Health: चिकन खाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें प्रोटीन, विटामिन समेत अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. काफी लोग चिकन खाने के शौकीन होते हैं. वो नाश्ते में भी बिरयानी खाना पसंद करते हैं. लेकिन चिकन को लेकर हालिया स्टडी हैरान करने वाली सामने आई है. स्टडी की मानें तो चिकन के साथ केवल पोष्टिक आहार ही बॉडी में नहीं, बल्कि प्लास्टिक का सेवन भी कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को चिकन खाने से पहले अलर्ट होने की जरूरत है. 


चिकन के भ्रूण में मिला नेनोप्लास्टिक


रिपोर्ट के अनुसार, नीदरलैंड्स की लीडेन यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट मीरू वांग ने स्टडी की. स्टडी एनवायरमेंट इंटरनेशनल में पब्लिश हुई है. स्टडी में सामने आया कि मुर्गे के भ्रूण में नेनोप्लास्टिक मिले हैं. यह प्लास्टिक थोड़ी बहुत नहीं है. बहुत अधिक मात्रा में नेनोप्लास्टिक भ्रूण में पाए गए हैं. शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है कि इसका हयूमन बॉडी पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. 


बॉडी के अलग अलग हिस्सों में पार्टिकल्स


मीरू मांग ने इस रिसर्च को बेहद गंभीरता से किया. उन्होंने भ्रूण के अलावा मुर्गाें के अन्य हिस्सों की भी जांच की. मीरू वांग ने फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप के नीचे मुर्गों के भ्रूण की जांच की. जांच मेें एंब्रयोनिक गट वॉल के अंदर नैनोमीटर-स्केल के चमकते हुए प्लास्टिक के कण पाए गए. इसके अलावा बॉडी के अन्य हिस्सोें में भी प्लास्टिक के कण मिले हैं. 


विकास में भी बना बाधा


मीरू वांग की रिसर्च में सामने आया कि जिन मुर्गाें के भ्रूण व अन्य अंगों मेें प्लास्टिक के कण मिले थे. उनका विकास भी अन्य मुर्गाें की अपेक्षा बेहद कम था. किसी मुर्गे की आंख छोटी हो गई थीं तो किसी मुर्गे का चेहरा तक खराब हो गया था. इसका असर मुर्गे के हार्ट पर देखने को मिला. हार्ट मसल्स भी बहुत अधिक पतली हो गईं. 


किडनी, आंतों के लिए गंभीर खतरा


शोधकर्ताओं ने बताया क मुर्गाें में जिस तरह की प्लास्टिक मिल रही थी. ऐसे प्लास्टिक के कण सिंथेटिक कपड़ों और प्लास्टिक माइक्रोफाइबर्स में पाए जाते हैं. यदि इस तरह की प्लास्टिक हयूमन बॉडी में जाती है तो इससे किडनी, लिवर, हार्ट, यहां तक कि लंग्स को भी बहुत अधिक खतरा हो सकता है. प्लास्टिक के कण ब्लड को भी संक्रमित कर सकते हैं. 


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