Child Suicide Cause : अगर आपका बच्चा भी ठीक से नहीं सो रहा है, रात भर बेड पर इधर-उधर पलटता रहता है तो इसे नजरअंदाज न करें. हाल ही में आए एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसमें पाया गया है कि अगर बच्चा ठीक से नहीं सोता है तो उसमें सुसाइड का रिस्क बढ़ रहा है.


कैलिफोर्निया में स्टैनफोर्ड सुसाइड प्रिवेंशन रिसर्च लेबोरेटरी में हुई स्टडी के अनुसार,   10 साल की उम्र में बच्चों में नींद की गड़बड़ी से सुसाइड के ख्याल और दो साल के बाद आत्महत्या के कोशिश का जोखिम बढ़ सकते हैं. इसका रिस्क 2.7 गुना ज्यादा बढ़ सकता है. आइए जानते हैं क्या कहती है रिपोर्ट...


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क्या कहती है स्टडी




कैलिफोर्निया में स्टैनफोर्ड सुसाइड प्रिवेंशन रिसर्च लेबोरेटरी की फाउंडर और सुसाइड एक्सपर्ट डॉ. रेबेका बर्नर्ट ने बताया कि नींद युवाओं की सुसाइड का कारण बन सकती है. आत्महत्याओं को रोकने के लिए नींद के लिए इलाज के लिए जाना चाहिए. इस स्टडी के अनुसार, करीब 10 से 14 साल की उम्र में सुसाइड के प्रमुख कारणों में से नींद की कमी एक है, क्योंकि इसी उम्र में नींद की कमी सबसे ज्यादा देखी गई है.




नींद की कमी क्यों बन रही सुसाइड का कारण




इस स्टडी में अमेरिका के 21 जगहों पर 8,800 बच्चों पर रिसर्च किया गया. बच्चों के पैरेंट्स से गिरने या सोते रहने में समस्या, जागने, ज्यादा नींद, नींद में सांस की परेशानी, नींद में ज्यादा पसीना आना, आधी नींद में व्यवहार पैटर्न जैसे कारण देखे गए हैं. पहले डेटा जमा होने के बाद से 91.3% पार्टिसिपेंट्स ने सुसाइडल बिहैवियर का एक्सपीरिएंस नहीं किया. 


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हालांकि, जिन पार्टिसिपेंट्स में आत्महत्या की ट्रेंड थी, वे नींद की कमी से जूझ रहे थे. इस स्टडी में आगे देखा गया कि डिप्रेशन, चिंता और फैमिली स्ट्रगल की हिस्ट्री जैसे फैक्टर्स ने भी सुसाइड के ख्याल को बढ़ावा दिया है. इस स्टडी में पाया गया है कि रोजाना बुरे सपने आने से सुसाइड की प्रवृत्ति का खतरा 5 गुना ज्यादा होता है.




छोटे बच्चों की नींद की कमी कैसे पूरी करें




1. आरामदायक कपड़े पहनकर ही सोने भेंजें




2. रात को सोने से पहले ब्रश करवाएं.




3. बच्चा सोने से पहले वॉशरूम जाएं.




4. सोते समय बच्चे से थोड़ी-बहुत बात करें.




5. बच्चे की पसंद की कविताएं, कहानी या गाने सुनाएं.




6. सोते समय बच्चे को कहानी सुनाएं.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.