Myopia in Children : मायोपिया एक ऐसी समस्या है, जो हमारी आंखों की देखने की पावर का घटाती है. इसे निकट दृष्टि दोष या शॉर्टसाइटेडनेस भी कहा जाता है. हाल ही में हुए एक सर्वेस के मुताबिक, अभी दुनिया में करीब 35% बच्चे मायोपिया की चपेट में है. यह आंकड़ा 2050 तक 40% यानी 740 मिलियन तक पहुंच सकता है. इस हिसाब से हर तीसरा बच्चा मायोपिया (Myopia) का शिकार है.  अगर इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं बच्चों में होने वाला मायोपिया कितना खतरनाक है, इससे उन्हें कैसे बचा सकते हैं...




मायोपिया कितनी खतरनाक बीमारी है




मायोपिया मतलब निकट दृष्टि दोष आंखों की ऐसी समस्या है, जिसमें रिफरेक्टिव एरर की वजह से दूर की चीजें ब्लर दिखाई देती हैं. ऐसे लोगों को टीवी देखने, रास्ते के साइन बोर्ड देखने, ड्राइविंग करने में दिक्कतें आ सकती हैं. जो बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं, उन्हें स्कूल में ब्लैक या ग्रीन बोर्ड देखने में परेशानी होती है. 




मायोपिया का कारण क्या होता है




1. माता-पिता में से किसी को मायोपिया है तो बच्चे में होने की आशंका ज्यादा होती है.




2. स्क्रीन टाइम यानी मोबाइल, लैपटॉप और टीवी पर ज्यादा समय बिताने की वजह से.




3. खराब लाइफस्टाइल और खानपान 





मायोपिया में क्या रिस्क होता है




रेटिना अपनी जगह से हट जाना




आंख की ऑप्टिक नर्व को नुकसानहोने से रेटिना का पतला हो जाना




मोतियाबिंद का खतरा




मायोपिया के लक्षण क्या हैं




दूर की चीजें धुंधली नजर आना




पास की चीजें साफ-साफ दिखना




सिरदर्द




आंखों में खिंचाव या थकान




बार-बार आंखें मिचकाना




मायोपिया का इलाज




1. मायोपिया का कोई परमानेंट इलाज नहीं है, इसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है.




2. बच्चों के लिए डॉक्टर की सलाह पर चश्मा ले सकते हैं.




3. कॉन्टैक्ट लेंस




4. रात में पहने जाने वाले खा लेंस जो कॉर्निया को ठीक रख सकता है.




5. बच्चों की आंखों के लिए एट्रोपिन आई ड्रॉप्स





मायोपिया से बचने के लिए क्या करें




1. फोन, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन का टाइम कम करें.




2. ज्यादा-से-ज्यादा समय सूरज की रोशनी वाली जगह रहें.




3. कंप्यूटर पर काम करते या किताबें बढ़ते समय 12 इंच दूर रहें.




4. आंखों की नियमित तौर पर जांच करवाएं.




5. धूप में पराबैंगनी (UV) किरणों से बचने के लिए धूप वाला चश्मा पहनें.




6. कंप्यूटर-लैपटॉप या किसी मशीन पर काम करते समय आंखों पर जोर पड़े तो ब्रेक लें.




7. हाई बीपी और डायबिटीज को मैनेज करें.




8. फलों, सब्जियों और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाला खाना खाएं.




9. विटामिन A और विटामिन C वाले फल-सब्जियां डाइट में शामिल करें.




10. धूम्रपान-शराब जैसी नशे वाली चीजों से बचें.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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