Newborn Baby Weight : बच्चे का जन्म होने पर ज्यादातर लोगों का पहला सवाल होता है नॉर्मल डिलीवरी है या सिजेरियन, मां और बच्चा कैसा है, बच्चे का वजन कितना है. इसमें बेबी का वेट जानने का मतलब यह है कि बच्चा कितना हेल्दी है. कई रिसर्च में बताया गया है कि जन्म के समय बच्चे का वजन (Newborn Baby Weight in Kg) बताता है कि 18 साल की उम्र के बाद उसकी हेल्थ कैसी रहने वाली है. ऐसे में आइए जानते हैं जन्म के समय बच्चे का वजन कितना होना चाहिए...



बच्चे का वजन जन्म के समय कम या ज्यादा क्या होना चाहिए


एक्सपर्ट्स का कहना है कि 9 महीने पूरे करने वाले बच्चे आमतौर पर पौने 3 किलो से लेकर 4 किलो तक होते हैं लेकिन प्रीमैच्योर या देरी से पैदा होते बच्चे का वजन नॉर्मल नहीं रहता है. उसका वजन कम होता है. 


यह भी पढ़ें : शरीर में दिनभर बना रहता है दर्द तो नजरअंदाज करने की न करें गलती, हो सकता है सेहत के लिए खतरनाक


 


जन्म के समय बच्चे का नॉर्मल वेट कितना होना चाहिए


पूरा समय कंप्लीट कर जन्मे बच्चे का वजन 2.5 किलो से ज्यादा होना चाहिए. 10वें महीने में पैदा बच्चे का वजन 3 से 4Kg तक चला जाता है. जो बच्चे समय से पहले 7वें या 8वें महीने में पैदा होते हैं, उनका वजन कई बार सामान्य से कम होता है. जुड़वा बच्चे का वजन सामान्य से कम होता है, लेकिन जन्म के समय 2.5 से 3 किलोग्राम का बच्चा हेल्दी माना जाता है. जबकि 1.5 किलो से कम बच्चा लो बर्थ वेट बेबी माना जाता है.


जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने के रिस्क


अगर जन्म के समय बच्चे का वजन कम है तो उसे ठीक नहीं माना जाता है. कई बार किसी अंग के विकसित न होने पर बच्चा समय से पहले पैदा हो जाता है और उसका वेट कम होता है. ऐसे बच्चों की एक्स्ट्रा केयर करनी चाहिए, क्योंकि ये दूध भी सही तरह नहीं पी पाते हैं. ऐसे बच्चों में कई बार सांस की परेशानी भी देखी गई है. 


यह भी पढ़ें : कितनी तेजी से बढ़ते हैं कैंसर सेल्स? ये होता है पूरा प्रोसेस


न्यूबॉर्न का वेट नॉर्मल न होने से क्या समस्याएं


1. कम वजन वाले बच्चों को जॉन्डिस होने का खतरा अधिक होता है.


2. जन्म के समय कम वजन होने पर बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे वे बार-बार इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं.


3. वजन कम होने से बच्चे को एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या हो सकती है.


नवजात शिशु का वजन सही हो, क्या करें


1. प्रेगनेंसी के दौरान मां अपने खाने-पीने का ख्याल रखें.


2. समय-समय पर अल्ट्रासाउंड करवाएं और बच्चे का वेट मॉनीटर करते रहें.


3. डॉक्टर की सलाह पर ही कोई काम करें.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.