Tomato Flu Infection in Children: देश के एक बड़े हिस्से में इन दिनों छोटे बच्चों में एक संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसका नाम है टोमैटो फ्लू (Tomato Flu). यह सक्रमण 5 साल तक की उम्र में बच्चों को तेजी से अपनी चेपट में ले रहा है (Infectious disease). हालांकि देश में अभी तक इस फ्लू से संक्रमित बच्चों में 0 से 9 साल की उम्र तक के मासूम शामिल हैं. इस फ्लू में बच्चों में तेज बुखार (High Fever), डायरिया (Diarrhea) , जोड़ों में दर्द (Joints pain) जैसे कई अलग-अलग लक्षण नजर आ रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि यह फ्लू (Flu) और इसके लक्षण चिकुनगुनिया (chikungunya ) और डेंगू (Dengue) से काफी मिलते-जुलते हैं.


मेडिकल जर्नल लैंसेट (Lancet)में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 6 मई को केरल के कोल्लाम जिले में इस फ्लू से ग्रसित बच्चे का पहला केस दर्ज किया गया था और 26 जुलाई तक टोमैटो फ्लू से ग्रसित बच्चों की संख्या 82 हो गई. उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित सरकारी अस्पताल द्वारा इस फ्लू से संक्रमित 26 बच्चों के बारे में जानकारी दी गई. इन बच्चों की उम्र 1 से 9 साल के बीच है. हालांकि कुल संक्रमित बच्चों में 1 से 5 साल की उम्र के बच्चों की संख्या सबसे अधिक है.


डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी में आमतौर पर बच्चे की जान को कोई खतरा नहीं होता है लेकिन इसका संक्रमण बच्चों में तेजी से फैलता है. केरल के अलावा उड़ीसा और तमिल नाडु राज्य में इस बीमारी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हालांकि देश के अन्य किसी राज्य से अभी तक इस फ्लू के विषय में कोई केस सामने नहीं आया है.


कैसे फैलता है टोमैटो फ्लू?



  • संक्रमित बच्चे के संपर्क में आने पर 

  • किसी संक्रमित वस्तु के उपयोग से

  • संक्रमित चीजों को छूने के बाद यदि बच्चा मुंह में हाथ डाल ले तब


टोमैटो फ्लू के लक्षण क्या हैं?



  • तेज बुखार

  • रैशेज

  • जोड़ो में दर्द

  • वायरल इंफेक्शन

  • थकान

  • मितली आना

  • उल्टियां होना

  • डायरिया

  • डिहाइड्रेशन

  • जोड़ों पर सूजन

  • पूरे शरीर में दर्द


इनमें तेज बुखार, शरीर पर रैशेज और जोड़ों में दर्द शुरुआती स्तर पर दिखाई देने वाले लक्षण हैं, इसके बाद समय बीतने के साथ अन्य लक्षण भी नजर आने लगते हैं.
टोमैटो फ्लू के लक्षण चिकुनगुनिया और डेंगू से बहुत मिलते-जुलते हैं. इसलिए इलाज और बचाव के उपाय भी वैसे ही हैं, जैसे कि इन बीमारियों के संक्रमण से बचने के लिए अपनाए जाते हैं. जैसे, बच्चे को आराम कराएं, आइसोलेशन में रखें और लिक्विड डायट अधिक मात्रा में दें इत्यादि.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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